ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी के मित्र, फिर भारतीय नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों: सपा सांसद
नयी दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद शिवपाल सिंह पटेल ने अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीय प्रवासियों से जुड़ा विषय शुक्रवार को लोकसभा में उठाया और कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना मित्र कहते थे, फिर भारत के लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों हुआ।
उन्होंने केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि भारतीय नागरिकों का अपमान हुआ और भारत सरकार संवेदनाहीन बनी रही।
पटेल ने दावा किया कि चीन को लेकर भी सरकार का रवैया यही था, इसलिए दुनिया के कई देश भारत को हल्के में लेते हैं।
सपा सांसद ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वह (प्रधानमंत्री) तो कहते थे कि डोनाल्ड ट्रंप हमारे मित्र हैं, फिर भारतीय नागरिकों के साथ यह व्यवहार क्यों हुआ।’’
पटेल ने कहा, ‘‘महाकुंभ पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किये, लेकिन किस तरह की अव्यवस्था रही सब जानते हैं…कुछ तथाकथित संत भगदड़ में मरने वालों को मोक्ष मिलने की संज्ञा देते हैं। ऐसा सिर्फ भाजपा की सरकार में होता है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को प्रयास करना चाहिए कि भारत भी चीन की तरह विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाए।
उन्होंने दावा किया कि बजट में गांव, किसानों, मजदूरों और युवाओं के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं की गई।
पटेल ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है, जिसके कारण निर्यात घटेगा और आयात बढ़ता जाएगा।
तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के सांसद दग्गुमल्ला प्रसाद राव ने कहा कि बजट में बुनियादी ढांचे, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और देश के भविष्य की मजबूत बुनियाद तैयार करने पर जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सतत विकास पर जोर दिया और यह एक विकसित भारत का बजट है।
राव ने कहा कि बजटीय आवंटन से आंध्र प्रदेश की प्रगति को रफ्तार मिली है।
जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि बजट में बिहार के लिए जो घोषणाएं की गई हैं उससे बिहार के विकास को गति मिलेगी।
कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने आरोप लगाया कि आंकड़ों के जरिये लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि यदि 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं तो फिर आज भी 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज क्यों दिया जा रहा है?
अनवर ने आरोप लगाया, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी, आपकी सरकार रुपये के मूल्य में आ रही गिरावट को रोकने में विफल है।’’