जन्म मृत्यु निबंधन की अनिवार्यता को समझें जिलेवासी; नजदीकी निबंधन इकाई में निबंधन कराकर प्रमाण पत्र प्राप्त करें:- जिला सांख्यिकी पदाधिकारी
*∆ ग्रामीण क्षेत्रों में घटना वाले स्थान का पंचायत सचिव स्थानीय निबंधक एवं आँगनबाड़ी सेविका अधिसूचक होती है*
आज दिनांक 10.01.2021 को जिला सांख्यिकी पदाधिकारी श्री पंकज कुमार तिवारी ने जामताड़ा जिला के निवासियों से अपने-अपने परिवार से संबंधित जन्म-मृत्यु एवं मृत जन्म का निबंधन कराने की अनिवार्यता को लेकर निबंधन कराने हेतु अपील किया।
उन्होंने जन्म मृत्यु का निबंधन कब, कहाँ तथा उसके लाभ के बारे में बताते हुए कहा कि जन्म-मृत्यु निबंधन कब और कहाँ करवाया जाय। उन्होंने कहा कि परिवार में हुई प्रत्येक जन्म या मृत्यु की घटना का पंजीयन करवाना कानूनन आवश्यक है। इसके लिए परिवार में हुई प्रत्येक जन्म या मृत्यु की घटना का पंजीयन घटना होने के 21 दिनों तक आप निःशुल्क पंजीयन करवा सकते है। गोद लिये हुए बच्चों का निबंधन उसी स्थान पर होगा, जहाँ से गोद लिया गया है। खोए हुए व्यक्ति का निबंधन एफ0आई0आर0 दर्ज के सातवें वर्ष के उपरांत न्यायालय द्वारा दिए गये उस आदेश पर स्थान व मृत्यु का कारण बताए जाने पर निबंधन होगा। जन्म एवं मृत्यु का निबंधन घटना घटित होने के स्थान जैसे अस्पताल, पंचायत एवं नगर निकाय के अनुसार उस स्थान के स्थानीय रजिस्ट्रार के यहाँ किया जाता है। जुडवाँ बच्चों की स्थिति में रजिस्ट्रेशन प्रत्येक बच्चे का अलग-अलग होता है। जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र निःशुल्क दिया जाता है। बिना नाम के भी नवजात बच्चे का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में घटना वाले स्थान का पंचायत सचिव स्थानीय निबंधक एवं आँगनबाड़ी सेविका अधिसूचक होती है। परिवार में घटित घटना का सूचक परिवार का मुखिया या कोई व्यस्क सदस्य होता है।
इसके अलावा जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने *जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के लाभ के बारे में* बताते हुए कहा कि
1.जन्म प्रमाण पत्र जन्म की तारीख एवं स्थान का यह एक प्रमाणिक दस्तावेज होता है।
2.इसका उपयोग विद्यालय में प्रवेश के समय जन्म की तारीख के प्रमाण स्वरूप यह प्रमाण-पत्र उपयोगी है। 3.वहीं राशन कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस, पासपोर्ट बनवानेे हेतु उपयोगी है। 4.मताधिकार प्राप्त करने के लिए, वृद्वावस्था पेंशन एवं बालिका समृद्वि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
*वहीं मृत्यु प्रमाण पत्र*
1.मृत्यु की तारीख का यह एक प्रमाणिक दस्तावेज होता है।
2.बीमा, बैंक, पोस्ट ओफिस के खाता के लिए उपयोगी होता है।
3.कोर्ट कचहरी में मृत्यु के साक्ष्य के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है।, 4.पैतृक सम्पति के दावे के निराकरण में उपयोगी।
5.दुर्घटना आदि में मृत्यु होने पर मुआवजा की प्राप्ति में आवश्यक कदम उठाने के लिए जरूरी।
6.मृत्यु के कारणों का पता लगाकार चिकित्सा विज्ञान के विकास हेतु आवश्यक कदम उठाने के लिए जरूरी यह काफी जरूरी है।
जिलेवासियों से जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जामताड़ा ने अपील किया, कहा कि वे अपने नजदीकी निबंधक इकाईयों में 21 दिनों के अंदर निःशुल्क जन्म-मृत्यु का निबंधन कराकर प्रमाण पत्र अवश्य प्राप्त करें ये आपका अधिकार है।
रिपोर्ट:निजाम खान
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