मुड़ाबेड़िया के निवर्तमान मुखिया आदिवासी गांवों का नहीं किया विकास
निजाम खान
जामताड़ा: आगामी 27 मई को कुंडहित प्रखंड क्षेत्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है|जिसको लेकर प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनाव मैदान में उतर गए हैं| ऐसे में जनता का सवाल यह बनता है कि क्या अपने पंचायत के निवर्तमान मुखिया को फिर से मुखिया के रूप में देखना चाहेंगे या फिर नये मुखिया को मुखिया के रूप में देखना चाहेंग |जनता को इस बात पर सोच-विचार भी करने की आवश्यकता है |जनता को 5 साल के बाद एक बार अपना प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलता है| इसलिए प्रतिनिधि चुनते समय ना तो डर, भय ,रिश्तेदारी, प्रलोभन ,दबाव आना चाहिए बल्कि निष्पक्ष रुप से यह सोच-विचार कर मतदान करना चाहिए कि आखिर यह प्रत्याशी जीत कर हमारे पंचायत में विकास करेंगे या नहीं?गौरतलब है मुड़ाबेड़िया पंचायत के निवर्तमान मुखिया बाबूराम हांसदा ने अपनी पुत्री को चुनाव मैदान में उतारा है |आपको बता दें इस मुखिया के कार्यकाल में आदिवासी के कई गांव का विकास अब तक नहीं हो सका है |पीसीसी पथ का निर्माण नहीं हो सका है | बताया जा रहा है कि जल मिनार भी शोभा की वस्तु बनकर रह गई है|पत्रकार निजाम खान ने मुड़ाबेड़िया पंचायत के निवर्तमान मुखिया बाबूराम हांसदा से संपर्क करने का कोशिश किया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया|