नई दिल्ली। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के शोध में यह आंकड़ा सामने आया है कि गंगोत्री नेशनल पार्क में हिम तेंदुओं का कुनबा बढ़ रहा है। शोध के अनुसार यहां प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में हिम तेंदुओं का घनत्व तीन पाया गया है। इसमें पार्क क्षेत्र के बाहर भी हिम तेंदुओं के वासस्थल का पता चला है। दरअसल, भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने वर्ष 2015 से 2020 के मध्य गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में वन्यजीव प्रजातियों और पारिस्थितिक तंत्र पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आंकलन और निगरानी की, जिसके तहत जारी रिपोर्ट हाल ही में जारी की गई है। गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक आरएन पांडे के अनुसार क्षेत्र में हिम तेंदुओं का अच्छा घनत्व मिला है। अमूमन एक हिम तेंदुआ प्रति सौ वर्ग किमी क्षेत्र में विचरण करता है। यहां इतने क्षेत्र में तीन हैं। यह पार्क क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता के लिए अच्छा है। दुर्लभ अरगली भेड़ को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार गंगोत्री नेशनल पार्क में हिम तेंदुओं की अनुमानित संख्या 33 है। वहीं, पार्क क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी जंगली भेड़ अरगली की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2017 में नेलांग घाटी में पीडीए में लगे दो ट्रैप कैमरों में पहली बार दुर्लभ अरगली भेड़ कैद हुई थी। इससे पहले तक यह तिब्बत और कजाकिस्तान के ऊंचे पठारों में पाई जाती थी, लेकिन अब खानाबदोश चरवाहों ने पार्क क्षेत्र में उनकी उपस्थिति कम होने की बात कही है। केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से हिमालय पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय मिशन (एमएमएसएचई) शुरू किया गया है। इसमें देशभर के छह बड़े संस्थान हिमालय राज्यों की वनस्पति और जीवों व अन्य पहलुओं पर शोध कर रहे हैं। इन संस्थानों में वाडिया इंस्टीट्यूट, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, भारतीय वन्यजीव संस्थान, जीबी पंत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन एनवायरमेंट, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) शामिल हैं।