सामाजिक संस्था सभ्य समाज के राष्ट्रीय संरक्षक ठाकुर मुकेश सिंह ने डीसी को अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाए जाने के संदर्भ में मांग पत्र शौपा
सामाजिक संस्था सभ्य समाज के राष्ट्रीय संरक्षक ठाकुर मुकेश सिंह द्वारा आज मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त महोदय के द्वारा अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाए जाने के संदर्भ में मांग पत्र शौपा गया है।
महाशय,
उनसे अनुरोध किया गया है की वर्तमान सत्र के लिए निजी स्कूलों ने अपनी फीस एवं किताबों के मूल्य में लगभग 10 से 15 प्रतिशत तक की वृध्दी की है। उनका तर्क है कि पढ़ाई की गुणवत्ता एवं सुविधाओं में सुधार करने के लिए फीस एवं किताबों के मूल्य में वृध्दी आवश्यक है। उनके कार्यो से कुछ प्रश्न स्वतः उत्पन्न हो रहे हैं। जिनका समाधान करना संभवतः आपकी ही जिम्मेवारी है।
अतः हमारी मांग निम्नलिखित है कि:-
1. स्कूल यह स्पष्ट उल्लेख करें कि पहले यह व्यवस्था थी और फीस बढ़ाने के बाद नई व्यवस्था में प्रतिमाह विभिन्न मदों में इतना खर्च आएगा और फीस बढ़ोतरी से प्रतिमाह इतना पैसा आएगा।
2. आपका विभाग उनके दावों की सत्यता जाँचने के उपाय करें। उनके खर्च एवं आय का आकलन करें। अनियमितता पाए जाने पर उनके दावे की निरस्त करें या उचित बढ़ोतरी को ही अपनी सहमति प्रदान करे।
3. आपका विभाग समय-समय पर यह जाँच करें कि सभी स्कूल उन सुविधाओं को सुचारू रखे हुए हैं अथवा नहीं।
4. यह नियम बनें कि कोई भी आर्थिक (फीस/किसी भी तरह का शुल्क) बदलाव सरकार के अनुमति के बिना न हो पाए। निजी/सरकारी शिक्षकों को प्राईवेट ट्यूशन पढ़ाने और स्कूलों में चलने वाले कोचिंग क्लास पर पूर्ण रोक लगाया जाए।
5. अनुदानित और गैर अनुदानित निजी स्कूलों की सूची प्रकाशित की जाए। यह भी स्पष्ट किया जाए कि सबलीज की भूमि पर कितने विधालय स्थापित है और उन्हें उस भूखंड के एवज में किस शिडयूल के मुताबिक मुल्य चुकाना पड़ता हैं? क्या वह शिडयूल अनुदान के दायरे में आता है? जवाब अगर हा हैं तो क्या इन भूखंडो पर बनें स्कूल अनुदानित स्कूल के रूप में दर्ज माने गए हैं?
6. देश के लगभग 5 करोड़ बच्चे जी निजी विधालयों में पढ़ाते है, उनके अभिभावकों को नहीं पता है, कि उन्हें कौन-कौन से संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं और स्कूलों की क्या सीमाएं हैं? अतः हमारा सुझाव है, कि इस संदर्भ में सभी अधिकारों एवं संबधित कानूनों को विज्ञापनों एवं स्कूलों में छात्रों को मिलने वाले सलाना डायरी के मध्यम से आम किया जाए। इससे संबधित सभी नियमों की जानकारी हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में, स्पष्ट शब्दों में छपवाकर, आपका विभाग उचित मुल्य पर लोगों को उपलब्ध करवाए।
महोदय इसकी सूचना एवं जानकारी पहले भी कई बार हमलोगों ने आपको दी थी।
ये स्मार्ट कोमनिकेशन और स्मार्ट क्लास के लिए चार्ज कर के स्कूल प्रबंधन क्या क्या तरीके अपना रही है अभिभावक को बेवकूफ बनाने के
महीने दो महीने में एक दो मैसेज आता है स्कूल तरफ से और ये नेट पैक कितना महंगा है कि तकरीबन 2200 सौ बच्चो से हर माह 60 रुपया लिया जाता है हास्यास्पद
और ये स्मार्ट बोर्ड कितने में आता होगा जिसमें शायद बच्चो को महीने में दो तीन बार पढ़ाया जाता है इसमें भी तकरीबन सभी विद्यार्थियों से करीब 170 रुपये हर माह चार्ज किया जाता है हास्यास्पद