तेलंगाना सुरंग हादसा: बचाव दल वैज्ञानिकों के सुझाए स्थानों पर मानव उपस्थिति का पता लगा रहे
नगरकुरनूल (तेलंगाना): तेलंगाना में सुरंग हादसे के बाद बचाव अभियान में शामिल दल संभावित मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए रडार सर्वेक्षण की मदद से वैज्ञानिकों द्वारा पहचाने गए स्थानों का निरीक्षण कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अन्य स्थानों पर केवल धातुएं ही मिली हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
हैदराबाद में राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों ने मानव उपस्थिति के संकेतों की तलाश में सुरंग के अंदर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण किया।
उन्होंने कहा, ‘‘वे अन्य स्थानों (वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए) पर प्रयास कर रहे हैं। वैज्ञानिक किसी भी अन्य बिंदु पर फिर से जीपीआर सर्वेक्षण करने के लिए तैयार हैं।’’
सुरंग के अंदर कीचड़ और पानी सहित चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों ने बचाव कर्मियों और वैज्ञानिकों दोनों के प्रयासों को जटिल बना दिया है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि परिस्थितियों में सुधार के साथ वैज्ञानिक फिर से सर्वेक्षण करने के लिए तैयार हैं।
उन स्थानों पर भी ड्रिलिंग की गई जहां एनजीआरआई के वैज्ञानिकों ने सुरंग के अंदर ‘‘विसंगतियों’’ का पता लगाया था। हालांकि, वहां केवल धातु की वस्तुएं ही मिलीं।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रविवार को सुरंग स्थल का दौरा किया और बचाव अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) के निर्माणाधीन खंड के ढहने के बाद सुरंग के अंदर फंसे हुए आठ लोगों के वास्तविक स्थान का अब भी पता नहीं चल पाया है और उनकी सरकार बचाव प्रयासों में तेजी लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
उन्होंने यह भी कहा था कि क्षतिग्रस्त ‘कन्वेयर बेल्ट’ की मरम्मत हो जाने के बाद बचाव अभियान में तेजी आएगी। बेल्ट गाद साफ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बेल्ट के सोमवार तक फिर से काम करने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार संकट को हल करने के लिए दृढ़ है और पीड़ित परिवारों को सहायता देने के लिए भी तैयार है।
एसएलबीसी सुरंग में 22 फरवरी से आठ लोग फंसे हुए हैं जिनमें इंजीनियर और मजदूर शामिल हैं तथा उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान जोरों पर है।