टाटा स्टील फाउंडेशन ने आदिवासी समुदायों के साथ मिलकर स्थानीय वनस्पति ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन थेरेपी कार्यक्रम का आयोजन किया
राष्ट्र संवाद संवाददाता
सुकिंदा, 11 जनवरी 2025: जनजातीय उपचार पद्धतियों और औषधीय पौधों के ज्ञान को संरक्षित और बढ़ावा देने के उद्देश्य से, टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) ने शुक्रवार को टाटा स्टील के सुकिंदा क्रोमाइट माइंस परिसर में ग्रीन थेरेपी सत्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम ने बामनीपाल, कालिंगानगर और सुकिंदा क्षेत्रों से आए 50 प्रतिभागियों को एक मंच प्रदान किया, जहां उन्होंने औषधीय पौधों के उपयोग से संबंधित पारंपरिक उपचार विधियों के अपने ज्ञान और अनुभवों को साझा किया।
प्रख्यात अतिथि वक्ताओं ने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मुख्य वक्ताओं में डॉ. ब्रह्मानंद महापात्रा (सेवानिवृत्त प्राचार्य, सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज, बलांगीर), गौतम मोहंती (प्रबंध निदेशक, ग्रीन एसेंस फाउंडेशन), और ताहसिल टोप्पो (संबलपुर के जनजातीय पारंपरिक चिकित्सक) शामिल थे, जिन्होंने अपने अनुभव और विशेषज्ञता से प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
वक्ताओं ने पारंपरिक चिकित्सा में औषधीय पौधों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और यह रेखांकित किया कि प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने से कई सामान्य बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने विभिन्न पौधों से प्राप्त आवश्यक तेलों की उपचार और समग्र स्वास्थ्य में भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर टाटा स्टील के फेरो एलॉयज और मिनरल्स डिवीजन के एक्जीक्यूटिव इंचार्ज पंकज सतीजा ने कहा, “यह स्थानीय प्रजातियों के संरक्षण, जागरूकता और संवाद को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों का हिस्सा है।
कार्यक्रम में टाटा स्टील के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया, जिनमें नवीन श्रीवास्तव, हेड, माइंस (कमारदा और सारुआबिल); प्रमोद कुमार, हेड, एडमिन (एफएएमडी); और देबांजन मुखर्जी, हेड- केआईसी, टाटा स्टील फाउंडेशन शामिल थे।