सुशासन बाबू की खुली पोल भूमिहीन दलित महादलित ओं का समाहरणालय पर भूख हड़ताल
बेगूसराय /अजय शास्त्री:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं सूबे में सुशासन की सरकार है।सुशासन में दलित-महादलितों के उद्धार के अनेकों दावे किए जाते हैं।नीतीश की सरकार ने कहा था भूमिहीन दलित-महादलित परिवार को बास के लिए तीन-तीन डिसमिल जमीन दी जाएगी।सरकार की घोषणा के वर्षों बाद भी महादलित परिवार के बास की जमीन नहीं मिली है।जिनको मिली भी उन्हें जमीन पर कब्जा नहीं दिलवाया गया।ऐसा ही एक मामला नावकोठी प्रखंड क्षेत्र के हसनपुर बागर का है।यहां 8 वर्षों से भूमिहीन महादलित परिवार बास की जमीन की बाट जोह रहा है।प्रशासन ने तीन-तीन डिसमिल जमीन की बंदोवस्ती भी कर दी।लेकिन आजतक इन्हें कब्जा नहीं दिलाया गया है। अपने हक के लिए लगातार जिला प्रशासन से गुहार लगाता रहा लेकिन उसका एक भी नहीं सुनी। आज थकहार कर महादलित परिवार भूख हड़ताल को विवश हो गए।महिलाओं,बच्चों के साथ कलक्ट्रेट के दक्षिण गेट पर महादलित परिवार बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी है।इस दौरान कड़कड़ाती ठंड में घरके मासूम बच्चों के साथ महिलाओं सहित लगभग दर्जनों लोग वर्तन एवं चूल्हे लेकर धरने पर डट कर बैठ गए हैं। भूख हड़ताल पर बैठे लोगों का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्णय के बाद भी भूमि पर बसाने के बदले झगड़ा लगाने का काम किया गया और प्रशासन के द्वारा उल्टे ही महादलित परिवार पर केस कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जब तक हम लोग की मांग पूरी नहीं होगी तब तक यह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगा चाहे यहां पर मेरी जान क्यों ना चला जा