नरम नहीं गरम दल के थे,
अत्यधिक मनोबल के थे।
सुभाष चंद्र बोस नाम था उनका,
आजाद हिंद ही सपन था उनका।
अपने संकल्प पर अडिग रहते थे,
दृढ़तापूर्वक हर विचार कहते थे।
स्वतंत्रता भिक्षा में नहीं मिलती कभी,
कीमत खून से चुकानी पड़ती तभी।
आजाद हिंद वास्ते लड़ाई लड़ी,
आजाद हिंद फौज गठन करी।
चलो दिल्ली का उद्घोष किया,
जय हिंद नारे का घोष किया।
क्रांतिकारी युवा विचारक थे वही,
गांधी नेहरू सम विचार थे नहीं।
देश की खातिर सब बलिदान किया,
कारज उन्होंने बहुत महान किया।
हम उन्हें शत शत प्रणाम करते हैं,
नेताजी को मन में विराजमान करते हैं।
©रिया अग्रवाल