अंधविश्वास विरोधी संबंधित ज्ञान की पढ़ाई झारखंड के शिक्षा प्रणाली में शामिल करना होगा:आनंद मार्ग प्रचारक संघ
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर:आनंद मार्ग प्रचारक संघ के ओर से एक तत्व सभा का आयोजन छोटा गदरा पंचायत में किया गया जिसमें सुनील आनंद ने बताया कि हमारे समाज में नशा के कारण झारखंड के लोगों का शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है और लोग कमजोर होकर विभिन्न रोगों का शिकार हो रहे हैं । नशा मुक्त करने के लिए समाज के हर वर्ग को लगना होगा । जिस समाज में नशा प्रबल रहेगा उस समाज का विकास असंभव है कारण नशा के कारण चेतन मन हमेशा अचेतन अवस्था में रहेगी मनुष्य चेतन प्रधान प्राणी है।किसी को भी डायन बता कर समाज में दंड दिया जा रहा उनकी हत्या कर दी जा रही है इसमें बदलाव लाने की जरूरत है आज भी हम अर्ध विकसित समाज में जी रहे।
बलि प्रथा , डायन प्रथा से आज भी समाज को जकड़ा हुआ है हम लंबी-लंबी दावे कर रहे हैं परंतु अभी भी समाज में बली एवं ओझागुणी के चक्कर में लोग अपने को बर्बाद कर रहे हैं
झारखंड में यह समस्या जनरेशन टू जेनरेशन केरी कर रहा है। इसको समाप्त करने के लिए डायन प्रथा ,बलि प्रथा ओझा गुनी से संबंधित अंधविश्वास की बात को वैज्ञानिक, व्यावहारिक एवं आध्यात्मिक स्तर पर समझाना होगा । पूरे भारत के शिक्षा पद्धति में बलि प्रथा, डायन प्रथा तथा अन्य अंधविश्वास जो समाज को कमजोर कर रही है उसकी पढ़ाई शिक्षा प्रणाली में लाना होगा।तभी समाज समझ पाएगा केवल खाना पूर्ति करने से समाज में कोई सुधार नहीं होगा।सुनील आनंद ने कहा कि मनुष्य जीवन एवं मृत्यु के बीच संघर्ष का प्रतीक है मनुष्य को जीवन जीने की शक्ति परम पुरुष से मिलती है । परमात्मा एवं मनुष्य का संबंध मां एवं उसके गोद के छोटे बच्चे के जैसा संबंध हैं।जिस तरह मां अपने छोटे बच्चे को उसकी जरूरत के अनुसार से एवं कल्याणकारी भाव से सब कुछ समझ लेती है की बच्चे को क्या चाहिए क्या नहीं चाहिए।


