जम्मू: भारत के खिलाफ अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही पाकिस्तान को चारों से घेरने के लिये केन्द्र सरकार अपनी रणनीति पर आगे बढ़ रही है. इसी तहत अब जम्मू-कश्मीर की नदियों से पाकिस्तान को जाने वाले पानी को रोकने का रास्ता अब साफ हो गया है.
बताया जा रहा है कि उझ परियोजना की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को केंद्रीय सलाहकार समिति ने मंजूरी दे दी है.
इसे जम्मू-कश्मीर का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है. इसके जरिए इस इलाके में पानी के इस्तेमाल से आर्थिक गतिविधियों की बढ़ावा मिलेगा. साथ ही पाकिस्तान का भी पानी रोका जा सकेगा. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 9167 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. जबकि करीब 6 साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार नए और संशोधित ष्ठक्कक्र को मंजूरी जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग की एडवाइजरी कमेटी की बैठक में दी गई. साल 2008 में इस प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया था. 2013 में केंद्रीय जल आयोग के इंडस बेसिन संगठन ने इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की. बाद में 131 वीं बैठक में प्रोजेक्ट की डीपीआर को संशोधित किया गया. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस प्रोजेक्ट में खासी दिलचस्पी दिखाई.
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद सिंधु जल संधि के तहत भारत को मिलने वाले पानी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा. फिलहाल ये सारा पानी पाकिस्तान की तरफ जाता है. उझ नदी रावी नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है. ये परियोजना उझ नदी के 781 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण करेगी. परियोजना के निर्माण के बाद, सिंधु जल संधि के अनुसार भारत को आवंटित पूर्वी नदियों के पानी का उपयोग उस प्रवाह के माध्यम से बढ़ाया जाएगा, जो अभी बिना उपयोग के ही सीमा पार जाता है