मेरे भाषण के कुछ अंश हटा दिए गए, क्या यह सही है? अडानी मामले को लेकर खरगे का मोदी सरकार पर हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अडानी समूह के मामले को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। खरगे ने अडानी समूह को लेकर संसद में दिए गए भाषण के कुछ अंश को हटाने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि संसद में अडानी को लेकर उठाए गए सवाल का अंश हटा दिया गया। क्या ये सही है? खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति पर दबाव डालकर सच छिपाने का षड़यंत्र कर रही है और जेपीसी जांच की मांग दबाने का प्रयास कर रही है।
मेरी बातों को कार्यवाही से हटा दिया गया
खरगे ने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी और मेरी ओर से की गई बातों को कार्यवाही से निकाल गया। मैंने नौ लाइन की शायरी की थी उसकी सात लाइन भी काट दीं। अगर साहित्य से जुड़ी चीजों को भी संसद में नहीं रख सकते तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहा हैं।’’ खरगे का कहना था, ‘‘अपने 51 साल के विधायी कार्यकाल में देख रहा हूं कि मेरी बातों को कार्यवाही से हटा दिया गया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति पर मोदी सरकार अनर्गल दबाव डालकर सच छिपाने का षडयंत्र कर रही है व जेपीसी जांच की मांग दबाने की साजिश कर रही है।’’
क्या अडाणी घोटाले की जांच नहीं होनी चाहिए?
खरगे ने सवाल किया, ‘‘क्या अडाणी घोटाले की जांच नहीं होनी चाहिए? क्या एलआईसी का पैसा, जो अडाणी की कंपनियों में लगा है, उसकी गिरती कीमतों पर सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए? स्टेट बैंक व दूसरे बैंकों द्वारा अडाणी को दिए गए 82,000 करोड़ रुपये कर्ज के बारे में सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए? क्या यह नहीं पूछना चाहिए कि अडाणी के शेयरों में 32 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट के बावजूद एलआईसी व स्टेट बैंक का रुपया अडाणी एफपीओ में क्यों लगवाया गया?’
पीएम ने अडानी मामले पर एक शब्द नहीं बोला
उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘क्या एमएससीआई ने अडाणी की कंपनियों की रैंकिंग गिरा दी है ? क्या स्टैंटर्ड चार्टर्ड, सिटी ग्रुप, क्रेडिट सुइस ने अडाणी के डॉलर बॉन्ड्स पर लोन देना बंद कर दिया है ? क्या डाऊ जोंस ने अडाणी की कंपनी को “सस्टेनबिलिटी इंडैक्स’’ से हटा दिया है ?’’ खरगे ने कहा, ‘‘क्या कारण है कि मोदी जी और पूरी सरकार संसद में अडानी शब्द भी नहीं बोलने देती ? क्या कारण है कि रिजर्व बैंक, सेबी, ईडी, एसएफआईओ, कारपोरेट कार्य मंत्रालय, आयकर विभाग और सीबीआई सबको लकवा मार गया है और वो अडाणी की जांच के नाम पर आंखें मूंदे बैठे हैं ?’’