Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » भारत अमेरिका संबंधों को मिला नया दृष्टिकोण
    Breaking News Headlines अन्तर्राष्ट्रीय उत्तर प्रदेश ओड़िशा खबरें राज्य से झारखंड पश्चिम बंगाल बिहार राजनीति राष्ट्रीय संपादकीय

    भारत अमेरिका संबंधों को मिला नया दृष्टिकोण

    News DeskBy News DeskFebruary 16, 2025No Comments5 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

    भारत अमेरिका संबंधों को मिला नया दृष्टिकोण
    देवानंद सिंह
    भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में हमेशा एक रणनीतिक गहराई रही है, जो समय-समय पर वैश्विक राजनीति, व्यापारिक रिश्तों और सुरक्षा सहयोग से और भी मजबूत हुई है। इस क्रम में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात ने दोनों देशों के रिश्तों में न केवल नये आयाम जोड़े, बल्कि भविष्य के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं। दोनों राजनेताओं के बीच मुलाकात ने  व्यापार, रक्षा और वैश्विक मुद्दों पर जो सहमति जताई है, वह निश्चित रूप से भारतीय-अमेरिकी रिश्तों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।

    ट्रंप की यह स्पष्ट नीति कि अमेरिका उन देशों पर समान टैरिफ़ लगाएगा, जो अमेरिका पर शुल्क लगाते हैं। ऐसे देशों से, व्यापारिक संबंधों में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है। ‘रेसिप्रोकल टैरिफ़’ (पारस्परिक शुल्क) की नीति ने भारत को एक चुनौती दी है, क्योंकि भारत के अमेरिकी आयात पर शुल्क में पिछले कुछ वर्षों में बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका की यह नीति व्यापारिक संतुलन को फिर से पुनः स्थापित करने की ओर न केवल एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर डालेगा, यह समझना भी काफी महत्वपूर्ण होगा।

    ट्रंप ने इस नीति को लेकर यह स्पष्ट किया है कि जितना टैरिफ़ बाक़ी देश अमेरिका पर लगाते हैं, अमेरिका अब उतना ही टैरिफ़ भारत पर भी लगाएगा। न ज़्यादा, न कम। उनके इस बयान से साफ़ हो गया कि अमेरिका की तरफ से व्यापारिक समानता की उम्मीद है और अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाएगा, तो अमेरिका भी उसी अनुपात में जवाबी कार्रवाई करेगा। भारत ने पहले ही अपने अमेरिकी आयातों पर कुछ वस्तुओं पर शुल्क घटा दिए हैं, जिसमें मोटरसाइकिलें शामिल हैं। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने यह संकेत दिया कि यह पर्याप्त नहीं है और भारत को अधिक शुल्क घटाने की आवश्यकता होगी। इससे स्पष्ट है कि अमेरिका अब व्यापारिक संबंधों में अधिक पारदर्शिता और समानता की उम्मीद कर रहा है, जो भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण लेकिन अवसरपूर्ण स्थिति हो सकती है।

    डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बीच हुई चर्चा में भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग का भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। ट्रंप ने भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट बेचने की इच्छा जताई, जो अमेरिकी रक्षा उद्योग का एक प्रमुख उत्पाद है। इस प्रकार के रक्षा समझौतों से भारत को आधुनिकतम तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा, जिससे उसकी सैन्य क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
    यह कदम भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा संबंधों को और भी मजबूत करेगा, विशेष रूप से एशिया में चीन की बढ़ती आक्रामकता के मद्देनजर। भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है, क्योंकि उसे अमेरिका से नई सैन्य तकनीक प्राप्त होगी, जो चीन और पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उसकी सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों का मुद्दा भी उठाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर किसी भारतीय नागरिक का अमेरिका में अवैध रूप से रहना साबित होता है, तो भारत उन्हें वापस लेने के लिए तैयार है। यह पहल दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा दे सकती है, खासकर उस संदर्भ में जब दोनों देशों के संबंधों में आप्रवासियों का मुद्दा एक संवेदनशील विषय बना हो।
    मानव तस्करी और अवैध प्रवासन की समस्या पर भी दोनों नेताओं ने चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानव तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि वे युवा लोग, जो बड़ी सपनों के साथ अमेरिका जाने के लिए धोखा खाते हैं, सुरक्षित रह सकें। यह पहल न केवल अमेरिकी प्रवासन नीति को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि भारत के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि इससे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

    मुंबई 2008 के आतंकवादी हमलों में शामिल तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने की घोषणा ने एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाया है। भारत लंबे समय से इस आतंकवादी को अपनी धरती पर लाने की कोशिश कर रहा था। ट्रंप ने इस फैसले को भारत के पक्ष में एक बड़ा कदम बताया, जो भारत-अमेरिका सहयोग को और मजबूत करेगा। यह घटना भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की दिशा को स्पष्ट करती है, जो दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना और इसका मुकाबला करने के लिए साझा रणनीतियां अपनाना दोनों देशों के रिश्तों को और भी मजबूती प्रदान करेगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि भारत शांति के पक्ष में है और दोनों पक्षों से बातचीत की आवश्यकता को महसूस करता है। मोदी का यह बयान अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है, क्योंकि यह दिखाता है कि भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के तहत संघर्षों में तटस्थ नहीं रहेगा, बल्कि हमेशा शांति और बातचीत के लिए प्रयासरत रहेगा। यह बयान भारत के कूटनीतिक संतुलन को प्रदर्शित करता है, जिसमें वह वैश्विक मंच पर अपने विचारों को प्रकट करते हुए किसी भी संघर्ष में मध्यस्थता की भूमिका निभाने का इच्छुक रहता है।

    कुल मिलाकर, भारत और अमेरिका के बीच इस महत्वपूर्ण बैठक ने कई प्रमुख पहलुओं पर विचार-विमर्श किया, जो भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों को नए आयाम देंगे। व्यापार, रक्षा, आतंकवाद, अवैध प्रवासन और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा जैसे विषयों पर हुई चर्चा यह संकेत देती है कि दोनों देशों के संबंध केवल आर्थिक और रणनीतिक ही नहीं, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भी मजबूत हो सकते हैं। ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ़ नीति और रक्षा सहयोग में विस्तार, दोनों देशों के बीच संबंधों को नया रूप दे सकते हैं। भारत और अमेरिका के लिए यह समय है, जब उन्हें एक-दूसरे की चिंताओं और रणनीतिक हितों को समझते हुए अपने रिश्तों को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे।

    भारत अमेरिका संबंधों को मिला नया दृष्टिकोण
    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleडा सुधा नन्द झा ज्यौतिषी द्वारा प्रस्तुत दैनिक राशिफल
    Next Article देश भर में पत्रकारों को मिले एक समान पेंशन

    Related Posts

    बांग्लादेश में हिंदू नागरिक दीपु चंद्र दास की हत्या की जयघोष फाउंडेशन ने की कड़ी निंदा

    Sponsor: सोना देवी यूनिवर्सिटीDecember 25, 2025

    कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबन से एक बार फिर कठघरे में हमारी न्याय व्यवस्था

    Sponsor: सोना देवी यूनिवर्सिटीDecember 25, 2025

    अरावली की चिन्ताः नारे से आगे-अस्तित्व की लड़ाई

    Sponsor: सोना देवी यूनिवर्सिटीDecember 25, 2025

    Comments are closed.

    अभी-अभी

    बांग्लादेश में हिंदू नागरिक दीपु चंद्र दास की हत्या की जयघोष फाउंडेशन ने की कड़ी निंदा

    Sponsor: सोना देवी यूनिवर्सिटीDecember 25, 2025

    कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबन से एक बार फिर कठघरे में हमारी न्याय व्यवस्था

    Sponsor: सोना देवी यूनिवर्सिटीDecember 25, 2025

    अरावली की चिन्ताः नारे से आगे-अस्तित्व की लड़ाई

    Sponsor: सोना देवी यूनिवर्सिटीDecember 25, 2025

    फिलिस्तीन के हमदर्द बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के समय कहां गायब

    Sponsor: सोना देवी यूनिवर्सिटीDecember 25, 2025

    पेसा नियमावली पर निर्णय: लंबे संघर्ष के बाद कैबिनेट की मंजूरी, श्रेय को लेकर सियासत तेज

    परमात्मा की कृपा बनी रहे -मरते दम तक सेवक की भूमिका में रहना चाहता हूँ – काले

    यूसीआईएल में तबादला नीति पर उठे गंभीर सवाल, बाहरी प्रभाव और चयनात्मक कार्रवाई की चर्चाएं तेज

    मुर्गा पाड़ा में गोलियों की तड़तड़ाहट, कुख्यात अपराधी विजय तिर्की की हत्या तीन अज्ञात हमलावरों ने सिर और कंधे में मारी गोली, इलाके में दहशत

    क्रिसमस की धूम: दुल्हन की तरह सजे गिरजाघर, सरकार ने महिलाओं को दी बड़ी सौगात

    अटल बिहारी वाजपेयी जयंती की पूर्व संध्या पर भाजपा जमशेदपुर महानगर ने मनाया दीपोत्सव

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.