झारखंड की हेमंत सरकार ने पिछड़े वर्ग की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है: रघुवर दास
झारखंड की हेमंत सरकार ने पिछड़े वर्ग की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। पर्याप्त समय रहने के बावजूद सरकार ने जानबुझ कर पिछड़ों का सर्वे नहीं कराया, जिसका नतीजा हुआ कि इस बार के पंचायत चुनावों में पिछड़ों के लिए आरक्षण नहीं हो पाया है। उक्त बातें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री रघुवर दास ने कहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की धारा 243 (डी) के सेक्शन 6 के तहत पिछड़े वर्ग को स्थानीय निकायों में आरक्षण का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2010 में के कृष्णमूर्ति बनाम भारत सरकार मामले में उच्चतम न्यायालय ने उक्त प्रावधान को वैध ठहराया गया है। साथ ही पिछड़ा वर्ग के राजनैतिक पिछड़ेपन को लेकर सर्वे रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। इसी को ध्यान में रखकर 2019 में राज्य में हमारी भाजपा सरकार में पिछड़ों का सर्वेक्षण कार्य शुरू किया गया था। परंतु हेमंत सरकार के आते ही कांग्रेस, झामुमो और राजद ने सुनियोजित साजिश के तहत सर्वेक्षण को बंद करा दिया। आज उसी के कारण पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को भारतीय संविधान से मिलनेवाले आरक्षण से वंचित कर दिया गया है। यह पूरे पिछड़ा वर्ग के साथ विश्वासघात है। श्री दास ने समस्त पिछड़ा समाज से यह अपील करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और राजद समर्थित उम्मीदवारों के पक्ष में वोट ना डालें और इन पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टियों को सबक जरूर सिखाएं। ताकि भविष्य में ये दल पिछड़ा वर्ग की अनदेखी करने की हिम्मत न करें।
पिछड़े वर्ग को पंचायत चुनाव में आरक्षण नहीं
तो, जेएमएम-कांग्रेस-राजद समर्थित उम्मीदवारों को वोट नहीं