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    Home » राष्ट्रपति मुर्मू ने सशक्त भारत के लिए सैन्यबलों में आधुनिकता एवं आत्मनिर्भरता पर बल दिया
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    राष्ट्रपति मुर्मू ने सशक्त भारत के लिए सैन्यबलों में आधुनिकता एवं आत्मनिर्भरता पर बल दिया

    Devanand SinghBy Devanand SinghJune 27, 2024No Comments3 Mins Read
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    राष्ट्रपति मुर्मू ने सशक्त भारत के लिए सैन्यबलों में आधुनिकता एवं आत्मनिर्भरता पर बल दिया

    नयी दिल्ली: सशक्त भारत के लिए सैन्यबलों में आधुनिकता एवं आत्मनिर्भरता की जरूरत पर बल देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश का रक्षा निर्यात 18 गुना अधिक हुआ है तथा फिलीपीन के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का रक्षा सौदा, रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भारत की पहचान मज़बूत कर रहा है।

    इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विदेशों पर अपनी निर्भरता कम करते हुए भारत अपनी सैन्य जरूरतों की लगभग 70 प्रतिशत खरीद भारतीय कंपनियों से ही कर रहा है।

     

     

    मुर्मू 18वीं लोकसभा में पहली बार दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा, ‘‘एक सशक्त भारत के लिए हमारे सैन्यबलों में आधुनिकता जरूरी है। युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ रहें, इसके लिए सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए।’’

    उन्होंने कहा कि इसी सोच के साथ उनकी सरकार ने पिछले 10 साल में रक्षा क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि सीडीएस (प्रमुख रक्षा अध्यक्ष) जैसे सुधारों ने सेनाओं को नयी मजबूती प्रदान की है।

    राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

    उन्होंने कहा कि आयुध कारखानों के सुधारों से रक्षा क्षेत्र को बहुत लाभ हुआ है और 40 से अधिक ऐसे कारखानों को सात निगमों में संगठित करने से उनकी क्षमता और दक्षता दोनों बढ़ी हैं।

    मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि ऐसे सुधारों के कारण भारत आज एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का रक्षा विनिर्माण कर रहा है।

    उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक दशक में, हमारा रक्षा निर्यात 18 गुना अधिक होकर 21 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। फिलीपीन के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का रक्षा सौदा, रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भारत की पहचान मज़बूत कर रहा है।’’

     

     

     

    राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने युवाओं और उनके ‘स्टार्टअप’ को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की मजबूत नींव तैयार की है। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा गलियारे भी विकसित कर रही है।

    उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी के लिए यह खुशी की बात है कि पिछले वर्ष हमारी सैन्य जरूरतों की लगभग 70 प्रतिशत खरीद भारतीय उद्योगों से ही की गई है। हमारी सेनाओं ने 500 से अधिक सैन्य साजो-सामान को विदेशों से नहीं मंगाना तय किया है। ये सभी हथियार और उपकरण अब सिर्फ भारतीय कंपनियों से ही खरीदे जा रहे हैं।’’

    मुर्मू ने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा सैनिकों के हितों को प्राथमिकता दी है, तभी चार दशक के बाद ‘‘वन रैंक वन पेंशन’’ को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि इसके तहत अब तक एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

     

     

     

    उन्होंने कहा कि शहीद सैनिकों के सम्मान के लिए सरकार ने कर्तव्यपथ के एक छोर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की स्थापना भी की है। उन्होंने कहा, ‘‘ये प्रयास केवल वीर जवानों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र का नमन ही नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र प्रथम की अनवरत प्रेरणा का स्रोत भी हैं।’’

    करीब दो सप्ताह पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सरकार 2028-29 तक रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने के लिए पूरा प्रयास करेगी, जो अभी 21,083 करोड़ रुपये है।

    भारत 2022 के एक सौदे के तहत फिलीपीन को मिसाइलों की तीन बैटरी, उनके लांचर और संबंधित अन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहा है। भारत ने अप्रैल में फिलीपीन को मिसाइल की पहली खेप दी थी।

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