*झारखंड पुलिस में समायोजन की मांग खारिज करने पर भड़के सहायक पुलिसकर्मी*
*अनिश्चितकालीन भाव अवकाश पर गए*
*समायोजन की मांग पूरा होने तक जारी रहेगा आंदोलन*
झारखंड के पिछले रघुवर सरकार ने नक्सल प्रभावित ईलाकों के बेरोजगार युवाओं को मुख्यधारा से जोड़े रखने को लेकर झारखंड पुलिस बल में सहायक पुलिस के पद पर 10 हजार के मानदेय पर बहाल किया गया था. वैसे पिछली सरकार ने इन्हें तीन साल के बाद जिला बल में नियमित करने का भरोसा दिलाया था. वहीं झारखंड में सत्ता परिवर्तन होते ही वर्तमान हेमंत सरकार ने इनका अनुबंध समाप्त कर दिया. इधर अनुबंध समाप्त होते ही सहायक पुलिसकर्मी आंदोलित हो उठे हैं. और सरकार के विरोध में सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. वहीं इन्होंने साफ कर दिया है, कि इतने कम मानदेय और परिवार से दूर रहकर जिला पुलिस बल के साथ विधि- व्यवस्था के हर मोर्चे पर सरकार और स्थानीय पुलिस का साथ दिया है. इन्होंने बताया कि कोरोना काल में भी इन्होंने अपने जान की परवाह किए बगैर 24 घंटे सेवा दी है, बावजूद इसके सरकार ने इन्हें एक झटके में बाहर का रास्ता दिखा दिया. वैसे सरकार के इस फैसले से पूरे राज्य के सहायक पुलिस कर्मियों को बड़ा झटका लगा है. इधर जमशेदपुर पुलिस लाईन में इन्होने सरकार के फैसले के विरोध में मोर्चा खोलते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का पैसला ले लिया है. साथ ही इन्होंने बताया कि सरकार के इस फैसले से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. फिलहाल जमशेदपुर के सैकड़ों सहायक पुलिस कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. वैसे इन्होने बताया कि विभाग से इनकी नाराजगी नहीं है. ये विभाग की सेवा करने के लिए ही सरकार की बातों में आकर अपना योगदान दिया था.
झारखंड पुलिस में समायोजन की मांग खारिज करने पर भड़के सहायक पुलिसकर्मी
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