पुलिस ने एक अंतरराज्यीय किडनी प्रत्यारोपण गिरोह का भंडाफोड़ किया सरगना गिरफ्तार
नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) समेत कई जगहों पर छापेमारी के बाद पुलिस ने एक अंतरराज्यीय किडनी प्रत्यारोपण गिरोह का भंडाफोड़ किया और उसके सरगना सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि गिरोह की गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए एक सप्ताह तक अभियान चला कर आरोपियों को धर दबोचा गया।
गिरोह के सदस्यों के अलावा सात अन्य लोगों को भी पकड़ा गया जिनमें किडनी दान करने वाले और प्राप्त करने वाले शामिल हैं। उन्हें एक निश्चित तिथि पर अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा गया है।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग एक ऐसे गिरोह का हिस्सा हैं, जो दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात के कई अस्पतालों में जाली दस्तावेजों के आधार पर प्रत्यारोपण करवाते थे।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमित गोयल ने बताया कि किडनी दान करने वाले निम्न आय वर्ग के लोग हैं, जो पैसे के बदले अंग दान करते हैं।
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने किडनी दान करने वालों को प्राप्तकर्ता का करीबी रिश्तेदार दिखाने के लिए जाली दस्तावेज बनाए। अंग दान और प्रत्यारोपण के लिए मरीज का करीबी रिश्तेदार होना अनिवार्य प्रावधानों में से एक है।
गोयल ने बताया कि किडनी दान करने वालों को पांच लाख रुपये से छह लाख रुपये के बीच भुगतान करने का वादा किया गया था लेकिन गिरोह के सदस्यों ने किडनी प्राप्त करने वालों से 35 से 40 लाख रुपये वसूले।
गोयल ने बताया, “आरोपी संगठित तरीके से पहले प्रतिष्ठित अस्पतालों में प्रत्यारोपण समन्वयक के तौर पर नौकरी करते थे। फिर, वे या तो प्रशिक्षित हो जाते थे या किडनी प्रत्यारोपण के लिए अस्पताल द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया सीख लेते थे।”
अधिकारी ने बताया, “वे किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों की पहचान करते थे और दिल्ली, फरीदाबाद, मोहाली, पंचकूला, आगरा, इंदौर और गुजरात के विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराते थे।”
मामले की जांच और एक सप्ताह तक चले अभियान के दौरान दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पाया कि गिरोह अलग-अलग राज्यों के 11 अस्पतालों में किडनी प्रत्यारोपण करवाने में सफल रहा।
गोयल ने बताया, “हमने अवैध किडनी प्रत्यारोपण में शामिल गिरोह के आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और सात अन्य लोगों को भी पकड़ा है।”
उन्होंने बताया कि इन गिरफ्तारी के साथ ही अवैध किडनी प्रत्यारोपण के 34 मामलों की पहचान की गई है।
अधिकारी ने बताया कि जब एक महिला ने अपने पति के लिए किडनी दान करने वाले व्यक्ति को खोजने की खातिर संदीप आर्य और विजय कश्यप उर्फ सुमित को 35 लाख रुपये का भुगतान किया तब अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू की।
उन्होंने बताया, “26 जून को उनमें से एक की पहचान कर ली गई और टीमों ने कई जगह छापेमारी कर सुमित को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से जाली कागजात, स्टांप सील और मरीज एवं दानकर्ता की फाइलें बरामद की गईं। 28 जून को गिरोह के सरगना आर्य और उत्तराखंड के रहने वाले देवेंद्र झा को गोवा के एक पांच सितारा होटल से गिरफ्तार किया गया।”
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने गिरोह के काम करने के तरीके का खुलासा किया।
गोयल ने बताया कि पुलिस ने 34 फर्जी स्टांप, 17 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, नौ सिम, एक लग्जरी कार, 1.50 लाख रुपये, जाली दस्तावेज और मरीजों/प्राप्तकर्ताओं व दानकर्ताओं की फाइलें भी बरामद की हैं।