पीएम मोदी ने स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया,कहा-अब बनारस का मतलब-विकास,स्वच्छता और बदलाव
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के उमराहा में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया और दौरा किया। PM मोदी ने कहा, ”जब मैंने स्वर्वेद महामंदिर का दौरा किया तो मैं मंत्रमुग्ध हो गया… वेदों, उपनिषदों, रामायण, गीता और महाभारत की दिव्य शिक्षाओं को स्वर्वेद महामंदिर की दीवारों पर चित्रों के माध्यम से चित्रित किया गया है ।
पीएम मोदी ने कहा अब बनारस का मतलब है – विकास,अब बनारस का मतलब है – आस्था के साथ आधुनिक सुविधाएं,अब बनारस का मतलब है – स्वच्छता और बदलाव,बनारस आज विकास के अद्वितीय पथ पर अग्रसर है।देश में राम सर्किट के विकास के लिए भी तेजी से काम हो रहा है और अगले कुछ सप्ताह में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी पूरा होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “इस पावन अवसर पर यहां 25 हज़ार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। मुझे खुशी और विश्वास है कि इस महायज्ञ की हर एक आहूति से विकसित भारत का संकल्प और सशक्त होगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो सदियों तक विश्व के लिए आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है…भारत ने कभी भौतिक उन्नति को भौगोलिक विस्तार और शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया। भौतिक प्रगति के लिए भी हमने आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों की रचना की है।
बताया जा रहा है कि करीब 35 करोड़ की लागत से यह मंदिर बना है और इसमें करीब 24 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है।जानकारों ने बताया कि मंदिर का वास्तुशिल्प एक अद्भुत उदाहरण है। 64 हजार वर्ग फीट में बन रहे सात मंजिला महामंदिर का निर्माण करीब 18 साल पहले शुरू हुआ था। अब स्वर्वेद के दोहे मंदिर में अंकित किए जा रहे हैं।मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है।
गुजरात में जीआरसी तकनीक द्वारा बनाए जा रहे नौ गुंबद नौ कमलों की तरह होगा। स्वर्वेद महामंदिर को देश का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी माना जा रहा है।
महामंदिर परिसर में 100 फीट ऊंची सद् गुरुदेव की सैंड स्टोन की प्रतिमा भी स्थापित होगी। मंदिर से जुड़े संतों ने बताया कि तीन लाख वर्ग फीट में गुलाबी पत्थरों की नक्काशी के लिए 350 से ज्यादा शिल्पी जुटे हैं।प्राचीन स्थापत्य कला के समन्वय से बन रहे इस दिव्य आध्यात्मिक केंद्र की एक झलक पाने के लिए दुनिया के अनुयायी उत्सुक हैं।मंदिर के मीडिया प्रभारी इंदु प्रकाश ने बताया कि विहंगम योग संस्थान के प्रणेता सदाफल महाराज ने गहन योग साधना की थी। वहां से जो ज्ञान मिला उसे ग्रंथ में पिरो दिया। उसी ग्रंथ का नाम स्वर्वेद है। स्वर्वेद के दोहे लिखे हैं। बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद, उपनिषद, गीता,रामायण महाभारत से के प्रसंग के चित्र बनाए गए। जिससे लोग प्रेरणा ले सकें।
पीएम मोदी यहीं से काशी और पूर्वांचल को 19,155 करोड़ की 37 परियोजनाओं की सौगात देंगे। इनमें सड़क एवं सेतु, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, पुलिस कल्याण, स्मार्ट सिटी एवं नगर विकास परियोजनाएं, रेलवे, एयरपोर्ट सहित विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इसमें 10 हजार करोड़ से अधिक की न्यू पंडित दीनदयाल उपाध्याय से न्यू भाऊपुर तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना भी शामिल है।
इसके अलावा 166 करोड़ की लागत से बनकर तैयार लहरतारा-फुलवरिया-शिवपुर फोर लेन सड़क का भी लोकार्पण करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी यहां आयोजित 25,000 कुंडी स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के आयोजन में भी शामिल हुए । इस कार्यक्रम में देश-विदेश से तीन लाख लोगों के जुटने की संभावना है। प्रधानमंत्री श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन भी कर सकते हैं।