इस्लामाबाद. पाकिस्तान सरकार ने समाचार चैनलों को आतंकवादी हमलों को कवर करने से प्रतिबंधित कर दिया है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह नया निर्देश टीवी चैनलों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आचार संहिता 2015 का पालन करने के लिए पहले के आदेश के बाद आया है. पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने कहा है कि क्राइम सीन की लाइव तस्वीरें और वीडियो प्रसारित करके चैनल जर्नलिस्ट एथिक्स का उल्लंघन करते हैं. अधिसूचना में कहा गया है कि यह गंभीर चिंता के साथ देखा गया है कि बार-बार निर्देश देने के बावजूद सैटेलाइट टीवी चैनल इलेक्ट्रॉनिक
मीडिया आचार संहिता-2015 के प्रावधानों का अक्षरशः: पालन करने में असमर्थ है. पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने आतंकवादी हमलों के कवरेज को प्रतिबंधित करने के अपने निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि समाचार चैनल केवल लीड लेने और सबसे पहले खबर दिखाने का क्रेडिट लेने के लिए बुनियादी पत्रकारिता मानदंडों और नैतिकता की अनदेखी करते हुए मैराथन प्रसारण का सहारा लेते हैं. पीईएमआरए ने अपने आदेश में कहा कि सैटेलाइट टीवी चैनल और उनके कर्मचारी न केवल अपनी सुरक्षा को लेकर गैर जिम्मेदार पाए जाते हैं, बल्कि राहत एवं बचाव
अभियानों में भी बाधा उत्पन्न करते हैं. ऐसी स्थिति में समाचार चैनलों पर साझा की गई जानकारी मौके पर मौजूद सुरक्षा एजेंसियों से बिना परामर्श के असत्यापित और अनुमानों पर आधारित होती है.पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी के आदेश में यह भी कहा गया है, इस तरह की रिपोर्टिंग घरेलू और विदेशी दर्शकों के बीच डर पैदा करती है. ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग से आतंकवादियों को मीडिया को प्रचार मंच के रूप में उपयोग करने का लाभ मिलता है और उनके अभियान को प्रचारित करके, उनके वैचारिक उद्देश्यों को पूरा करता है. इसके अलावा इस तरह की घटनाओं का मीडिया कवरेज आतंकवादियों को एक विशिष्ट समूह को अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में अपनी ताकत और दुस्साहस दिखाने की अनुमति देकर एक संगठनात्मक लाभ देता है