ऑपरेशन सिंदूर:भारत ने लिया पहलगाम आतंकी हमले का बदला, पाकिस्तान, पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई
नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद सख्त जवाबी करते हुए मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किये, जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तोएबा और जैश- ए- मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय ने देर रात 1.44 बजे एक बयान में कहा कि सैन्य हमले “ऑपरेशन सिन्दूर” के तहत किए गए। इसमें कहा गया है कि भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई “केंद्रित और नपी-तुली थी। साथ ही यह ध्यान रखा गया है कि यह और न बढ़े।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय मिसाइल हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया और कहा कि उनके देश को “उचित जवाब” देने का पूरा अधिकार है।
भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “कुछ समय पहले, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में उन आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर हमला करते हुए ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ शुरू किया जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों का मंसूबा बनाया गया और इसे निर्देशित किया गया।”
इसमें कहा गया, “किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्य के चयन और क्रियान्वयन के तरीके में काफी संयम दिखाया है।”
सूत्रों ने कहा कि सभी नौ ठिकानों पर हमले सफल रहे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने “ऑपरेशन सिंदूर” की बारीकी से निगरानी की।
अधिकारियों ने बताया कि जिन नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया उनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय शामिल है। ये दोनों पाकिस्तान के पंजाब में हैं।
लाहौर से थोड़ी दूरी पर स्थित मुरीदके, एक विशाल “मरकज़” यानी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का अड्डा है और बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य गढ़ है।
मामले से परिचित लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अन्य लक्ष्य – कोटली और मुजफ्फराबाद पीओके के क्षेत्र हैं जहां लश्कर और जैश दोनों के लंबे समय से आतंकी शिविर और प्रशिक्षण सुविधाएं हैं।
भारत की इस सैन्य कार्रवाई के नाम में “सिंदूर” को जोड़ने का एक संदर्भ यह है कि भारतीय परंपरा में विवाहित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं और इसे उनके सुहागन होने का एक प्रतीक माना जाता है।
पहलगाम आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के एक अधिकारी समेत कई लोगों को उनकी पत्नियों के सामने मार दिया गया था।
भारत की यह कार्रवाई 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद आई है। हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया, “ये कदम बर्बर पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर उठाए गए हैं जिसमें 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी गई थी।”
इसमें कहा गया, “हम इस प्रतिबद्धता पर कायम हैं कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।”
इस कारवाई के तत्काल बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक्स पर पोस्ट किया, “भारत माता की जय।”
भारतीय सेना ने अपने पोस्ट में कहा, “न्याय हुआ।”
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि भारत की ओर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कोटली और मुजफ्फराबाद और बहावलपुर में मिसाइल हमले किए गए।
उन्होंने कहा, “हमारे वायु सेना के सभी विमान आसमान में हैं। यह कायरतापूर्ण और शर्मनाक हमला भारत के हवाई क्षेत्र के भीतर से किया गया। उन्हें कभी भी पाकिस्तान के क्षेत्र में आने और घुसने नहीं दिया गया।”
उनका कहना था, “मुझे इसे स्पष्ट रूप से कहने दीजिए कि पाकिस्तान अपनी पसंद के समय और स्थान पर इसका जवाब देगा। यह घोर उकसावे का कदम अनुत्तरित नहीं रहेगा।”
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत की कार्रवाई की निंदा की।
उसने कहा कि भारतीय वायु सेना ने, भारतीय हवाई क्षेत्र के भीतर रहते हुए, मुरीदके और बहावलपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार और कोटली और मुजफ्फराबाद में नियंत्रण रेखा के पार नागरिक आबादी को निशाना बनाकर, हथियारों का उपयोग करके पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।
उसके बयान में दावा किया गया कि भारत के “आक्रामक कृत्य” के परिणामस्वरूप नागरिकों की मौत हुई है और ऐसे में पाकिस्तान अपनी पसंद के समय और स्थान पर उचित प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित रखता है।”
भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान से लगी सीमा पर सभी वायु रक्षा इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है।
सूत्रों ने कहा कि ऑपरेशन के बाद, भारत ने अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, यूएई और सऊदी अरब सहित कई प्रमुख देशों से संपर्क किया और उन्हें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर सैन्य हमले के बारे में जानकारी दी।
एक सूत्र ने कहा, “वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने कई देशों में अपने समकक्षों से बात की है और उन्हें भारत द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी है।”
यह ऑपरेशन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों को पूरी छूट देने के कुछ दिनों बाद हुआ।
शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री ने बीते 29 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने के लिए सशस्त्र बलों को पूरी छूट दी थी।
मोदी ने “आतंकवाद पर करारा प्रहार” करने के राष्ट्रीय संकल्प पर भी जोर दिया था।