प्राकृतिक हर्बल गुलाल से होगी इस बार दुमका की होली और खास
राष्ट्र संवाद सं
दुमका: इस बार दुमका की होली के रंग कुछ खास होने वाले हैं, क्योंकि जिले की स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं पारंपरिक विधि से हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं। पलाश के फूल, चुकंदर, हल्दी और पालक जैसी प्राकृतिक सामग्रियों से बने ये रंग न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं।
जरमुंडी प्रखंड सहित अन्य प्रखंडों के कई स्वयं सहायता समूह ‘पलाश ब्रांड’ के अंतर्गत इस हर्बल गुलाल का निर्माण कर रहे हैं। जिले में लगभग 200 किलोग्राम प्राकृतिक गुलाल तैयार किया जा रहा है, जिससे स्थानीय बाजार में इसकी अच्छी मांग बनी हुई है।
जेएसएलपीएस (JSLPS) के ‘पलाश ब्रांड’ के तहत 8 मार्च से जिला एवं प्रखंड स्तर पर विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां हर्बल गुलाल की बिक्री और प्रदर्शनी होगी। यह पहल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ जिले में स्थानीय उत्पादों की पहचान भी बनाएगी।
महिलाओं को रोजगार, समाज को सुरक्षित रंग
जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक निशांत एक्का ने बताया कि जिले में हर्बल गुलाल बनाने के लिए आवश्यक सभी कच्ची सामग्री आसानी से उपलब्ध है, जिससे महिलाओं को अतिरिक्त आय का अवसर मिल रहा है। यह पहल ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ लोगों को स्वास्थ्यवर्धक और सुरक्षित होली खेलने का अवसर भी देगी।
इस होली, दुमका के लोग अपने जिले में निर्मित हर्बल गुलाल से प्राकृतिक और सुरक्षित रंगों के साथ त्योहार का आनंद ले सकेंगे।