जामताड़ा में मदरसा कादरिया अनवारूल उलूम बिराजपुर द्वारा आयोजित भव्य जलसा में हजारों लोग शामिल, इस्लामी धर्म की तालीम पर विशेष ध्यान
राष्ट्र संवाद/जामताड़ा
शनिवार रात को जामताड़ा के बिराजपुर स्थित मदरसा कादरिया अनवारूल उलूम में एक ऐतिहासिक और भव्य जलसा का आयोजन किया गया। इस जलसे में जामताड़ा जिले के साथ-साथ देवघर, गिरीडीह और अन्य दूरदराज के गांवों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।आयोजन में इस्लामिक शिक्षाओं और धर्म के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया, जो जलसे को और भी प्रभावशाली और शिक्षाप्रद बनाते हुए लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ गया। कार्यक्रम में देशभर के प्रमुख और प्रसिद्ध उलेमा की उपस्थिति रही, जिनमें यूपी से पीरे तरीकत मुफ्ती अब्दुल मुबीन नोमानी, कछौछा से मुफ्ती सैयद राशिद मक्की, दिल्ली से मौलाना नबील अख्तर नवाजी, कारी मोहम्मद अली फैजी, कारी मुबारक हुसैन मुबारक, मौलाना अलीमुद्दीन, मुफ्ती सफीउल्लाह, मौलाना सद्दाम जामी, मौलाना शहादत हुसैन, कारी रफीक अंजुम, मौलाना मुजाहिद रजा, मौलाना गुलाम हैदर और मौलाना खुर्शीद जैसे प्रमुख विद्वान और धर्मगुरु शामिल हुए। इन महान हस्तियों ने अपने ज्ञान और अनुभवों के आधार पर इस्लामी धर्म की महिमा और इसके महत्व को उपस्थित लोगों तक पहुँचाया। इस जलसे में कुरान हिफ्ज करने वाले बच्चों का भी सम्मान किया गया। बच्चों के सिर पर दस्तार बांधकर उनकी कड़ी मेहनत और अध्यनशीलता की सराहना की गई, जिससे उनका उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ा। जलसा में नौजवानों, बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों ने भी पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया और विभिन्न इस्लामी विषयों पर तालीम प्राप्त की। जलसे में खास तौर पर नौजवानों को नमाज की अहमियत, रोजा रखने के फायदे और इस्लामी सिद्धांतों पर विस्तार से बताया गया।आयोजकों ने विशेष रूप से युवाओं को आगामी रमजान माह में रोजा रखने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे इस्लाम के मूल सिद्धांतों को अपने जीवन में उतार सकें और एक अच्छे मुसलमान के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर सकें। साथ ही, पांचों वक्त की नमाज अदा करने की प्रेरणा दी गई, जिससे सभी उपस्थित लोग अपने धर्म के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रेरित हों। इस आयोजन में लगभग दस हजार लोग उपस्थित थे, जो विभिन्न स्थानों से इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनने के लिए पहुंचे थे। जलसे में कई प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, जिनमें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन, स्थानीय सांसद नलिन सोरेन, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी जैसी प्रमुख शख्सियतें शामिल थे। इन व्यक्तियों ने जलसे की सफलता पर खुशी जाहिर की और कार्यक्रम के आयोजकों की सराहना की। मदरसा कादरिया अनवारूल उलूम बिराजपुर के मौलाना अब्दुल तवाब और नाजीम ए आला मौलाना असगर अली सबीदुल कादरी ने जलसे में शामिल सभी मेहमानों और अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनका आभार व्यक्त किया। इस आयोजन के माध्यम से मदरसा ने समाज में एकता और धार्मिक भाईचारे को बढ़ावा देने का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया। जलसे के दौरान साझा की गई इस्लामी तालीम ने सभी उपस्थित लोगों को न केवल ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उनके जीवन को धर्म के प्रति और अधिक प्रेरित और समर्पित किया। इस जलसे ने इस्लाम के शांति और भाईचारे के संदेश को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और लोगों को एकजुट होकर धर्म का पालन करने की प्रेरणा दी।