3712 उर्दू शिक्षक पद को खत्म करने वाले प्रस्ताव का जामताड़ा के अलगचूवां में विरोध किया गया
जामताड़ा
रविवार को महागठबंधन सरकार द्वारा रिक्त 3712 उर्दू शिक्षक के पद समाप्त करने के खिलाफ झारखंड तहरीक ए उर्दू तंजीम के अध्यक्ष अलीमुद्दीन अंसारी एवं मौलाना अब्दुर रकीब अंसारी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कड़े शब्दों में विरोध दर्ज किया। मौके पर अलीमुद्दीन ने बताया कि झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा जारी प्रोन्नति नियमावली 2024 के प्रारुप (ड्राफ्ट) 2 (1) में उल्लेखित कि उर्दू शिक्षक के पद को मरणशील dying Cadre कर दिया जाएगा। जिसके बाद रिक्त बचे 3712 पदों को सरेंडर कर दी जाएगी। जो घोर निंदनीय विषय है। हेमंत सरकार की यह उर्दू विरोधी कार्य है किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सरकार के विनाश कले विपरीत बुद्धि वाली कार्य है। इस प्रारुप को अविलंब वापस लेना चाहिए। मौलाना अब्दुर रकीब ने कहा सरकार/शिक्षा विभाग का यह निर्णय उर्दू भाषी लोगों के साथ ज्यादती है। इस प्रस्ताव को वापस ले और शीघ्र उर्दू भाषा में शिक्षक की भर्ती करे। वर्ना आन्दोलन तेज होगा। वहीं उन्होंने कहा “वर्ष 2022 में भी बिना समुचित जांच एवं जानकार लोगों से सुझाव लिए 543 उर्दू स्कूलों का स्टेटस छीन कर सामान्य विद्यालय बना दिया गया, वही अब बिहार सरकार 1999 में सृजित हुए 4401 उर्दू शिक्षक के पद , जिसमें सरकार के गलत निर्णय के कारण खाली रह गए 3712 उर्दू शिक्षक पद को भी खत्म करना सरकार के लिए बहुत बड़ी भूल होगी। उक्त मौके पर निजामुद्दीन अंसारी, शमशेर अली, सरफराज, अरशद, शमशेर, मौलाना अब्दुल कयूम, अशरफ, फिरोज अंसारी, टीपू अंसारी, रफीक, इम्तियाज आदि कई अन्य मौजूद थे।