उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी जामताड़ा शशि भूषण मेहरा की अध्यक्षता में जिला पशु क्रूरता निवारण कार्यकारिणी समिति का बैठक संपन्न
पशु क्रूरता निवारण समिति का मुख्य उद्देश्य जिले में पशुओं पर होने वाले अत्याचार एवं क्रूरता से बचाना है एवं उनकी रक्षा करना है – श्री शशि भूषण मेहरा (भा.प्र.से.), उपायुक्त, जामताड़ा
पशुओं पर होने वाले क्रूरता को रोकने के लिए जागरूकता फैलाएं- उपायुक्त
आज दिनांक 18.10.2022 को समाहरणालय सभाकक्ष में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी जामताड़ा श्री शशि भूषण मेहरा (भा.प्र.से.) की अध्यक्षता में जिला पशु क्रूरता निवारण कार्यकारिणी समिति की बैठक आहूत की गई।
*बेसहारा, बेजुबान और आवारा पशुओं पर क्रूरता ना हो इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करें*
बैठक को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि शहर की सड़कों पर बेसहारा व आवारा पशुओं के लगातार विचरण से एक तरफ दुघर्टना होने की संभावना अधिक रहती है तो वहीं इससे पशु भी चोटिल हो जाते हैं। जाने अनजाने में सही लेकिन यह भी क्रूरता की श्रेणी में आता है। इस समस्या का समाधान हम सभी को मिलकर करना होगा। पशुओं में भी प्राण एवं संवेदना होता है, उन्हें भी दर्द और कष्ट होता है ऐसे में उनके प्रति मानव जाति को संवेदनशील होना जरूरी है। ताकि पशुओं के अधिकार की रक्षा हो सके।
वहीं उन्होंने बताया कि भारत सरकार के द्वारा धारा 38 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (1960 का 59) की धारा (3) एवं धारा 11(3) (ए) (सी) के साथ पठित और माननीय उच्च न्यायालय दिल्ली में रिट याचिका (सिविल) सीएम अपील आदि में पारित आदेश के अनुपालन में पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण (पशुपालन कार्य एवं प्रक्रिया) नियम, बनाया गया है, जिसमें पशुपालन प्रक्रिया में मवेशियों के सींग निकालने की प्रक्रिया, पशु के बधियाकरण या ब्रांडिंग, नाक में रस्सी डालने की प्रक्रिया रजिस्ट्रीकृत पशु चिकित्सक द्वारा किया जायेगा। इसके अलावा अधिसूचना में विभिन्न विधियों, पशुओं का इच्छामृत्यु, निषिद्ध प्रथाएं जो क्रूर और हानिकारक हैं के संबंध में दिशा निर्देश दिया हुआ है।
*सड़कों पर आवारा विचरण करने वाले पशुओं को गौशाला में शिफ्ट करवाएं*
बैठक के दौरान उन्होंने संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि असहाय एवं आवारा पशुओं को पकड़ने एवं गौशालाओं में रखने हेतु संबंधित पदाधिकारियों को समन्वय स्थापित कर कार्य करने का निर्देश दिया। वहीं उन्होंने ऐसे पशुपालकों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही, जो अपने पशुओं को खुला छोड़कर सड़कों आदि का अतिक्रमण करते हैं एवं कई बार इसके कारण अप्रिय स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है।
*पशुओं की टैगिंग करें*
उन्होंने जिला पशुपालन पदाधिकारी को सभी पशुओं की टैगिंग का कार्य करवाने का निर्देश दिया, ताकि उनकी पहचान हो सके। टैगिंग से आवारा पशुओं की संख्या का भी पता चल सकेगा। उपायुक्त ने कहा कि पशु क्रूरता निवारण समिति का उद्देश्य पशुओं पर अत्याचार करना नहीं, बल्कि उनकी रक्षा करना है।
इसके अलावा उपायुक्त ने समीक्षा क्रम में जिला अन्तर्गत पंजीकृत-अपंजीकृत वधशालाओं का निरीक्षण कर उसके उपर पीसीए एक्ट के अनुसार दृढ़ता पूर्वक कार्रवाई करने का निर्देश दिया, साथ हीं अपंजीकृत बधशालाओं का नियमानुसार लाइसेन्स निर्गत करने के विषय पर भी चर्चा की गई।
*पशु क्रूरता निवारण के बारे में करें प्रचार प्रसार*
उन्होंने पशु क्रूरता के संबंध में आम जनता को जागरूक करने हेतु सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर बैनर, पोस्टर के माध्यम से प्रचार प्रसार करने की भी बात कही।
बैठक में पशु क्रुरता रोकने के संबंध में पशुपालन विभाग को अधिक से अधिक आमजनों को इसके बारे में जागरूक कर पशुओं पर होने वाले अत्याचार को रोकने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
*इनकी रही उपस्थिति*
इस मौके पर वन प्रमंडल पदाधिकारी श्री बनकर अजिंक्य देवीदास (भा.व.से.), जिला परिवहन पदाधिकारी श्री अजय तिर्की, जिला पशुपालन पदाधिकारी श्री विद्यासागर,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी श्री आनंद ज्योति मिंज,अंचल अधिकारी श्री अविश्वर मुर्मू, समाजसेवी श्री राजेंद्र शर्मा सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।