मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्तावित नेतरहाट इको रिट्रीट (ECO RETREAT) – 2023 के आयोजन की तैयारियों से संबंधित बैठक की।
मुख्यमंत्री ने नेतरहाट इको रिट्रीट 2023 के आयोजन को लेकर अधिकारियों को कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिए।
झारखंड को पसंदीदा पर्यटन राज्य के रूप में विकसित करना लक्ष्य
नेतरहाट इको रिट्रीट में पर्यटकों के सुविधाओं का पूरा रखें ख्याल
*– श्री हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय में अधिकारियों के साथ राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित नेतरहाट इको रिट्रीट (ECO RETREAT) – 2023 के आयोजन की तैयारियों से संबंधित बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष टूरिज्म विभाग के अधिकारियों ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से नेतरहाट इको रिट्रीट 2023 के आयोजन से संबंधित विभाग द्वारा की जा रही तैयारी की विस्तृत जानकारी रखी गई।
*झारखंड को पसंदीदा पर्यटन राज्य के रूप में पहचान देना लक्ष्य*
बैठक में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि नेतरहाट इको रिट्रीट-2023 के आयोजन का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करना है, ताकि झारखंड को पसंदीदा पर्यटन राज्य के रूप में पहचान मिल सके। बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को नेतरहाट इको रिट्रीट आयोजन को सफल बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि नेतरहाट इको-रिट्रीट फेस्टिवल पर्यटकों के लिए आकर्षक, सुंदर एवं निवेश की संभावनाओं वाला झारखंड के बारे में जानने का एक शानदार अवसर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस इको रिट्रीट फेस्टिवल का उद्देश्य पर्यटकों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों को भी यहां निवेश के लिए आकर्षित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन राज्य में पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि इस इको रिट्रीट फेस्टिवल कार्यक्रम में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक जोड़ने का प्रयास करें। नेतरहाट पर्यटन स्थल आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बने हुए निजी घरों को सुसज्जित करने का भी कार्य करें। स्थानीय लोगों को जो उसे क्षेत्र में निवास करते हैं उनके मकानों को सुसज्जित करने में उनका पूरा सहयोग करें। रोड कनेक्टिविटी को दुरुस्त करें। विद्युत प्रकाश के लिए सौर ऊर्जा के माध्यम से भी लाइट्स लगाए जाएं। बैठक में मुख्यमंत्री ने वन विभाग के वरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि नेतरहाट पर्यटन क्षेत्र में वर्तमान वर्षों के संरक्षण के साथ-साथ चिन्हित रिक्त भूमि पर मिशन मोड में वृक्षारोपण का कार्य भी सुनिश्चित की जाए ताकि नेतरहाट पर्यटन क्षेत्र आने वाले दिनों में भी हरा भरा रहे।
*नेतरहाट इको रिट्रीट फेस्टिवल्स में सुविधाओं का पूरा रखें ख्याल*
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि नेतरहाट इको रिट्रीट फेस्टिवल्स में सम्मिलित होने वाले सभी मेहमान पर्यटकों का पूरा ख्याल रखें। इको रिट्रीट फेस्टिवल से संबंधित सभी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। पर्यटकों के ठहरने से लेकर खाने-पीने और मनोरंजन के साथ-साथ कौन-कौन से क्षेत्र का भ्रमण कराया जाएगा इसकी पूरी तैयारी रखें। पर्यटकों को झारखंड की कला- संस्कृति, रहन-सहन से रूबरू कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेतरहाट में चिल्ड्रन एक्टिविटी की सारी सुविधाएं सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने विभाग के पदाधिकारी को निर्देश दिया कि नेतरहाट में स्थायी रूप से चिल्ड्रन पार्क की स्थापना करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इको रिट्रीट फेस्टिवल्स के दौरान हेल्थ इमरजेंसी को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर के साथ-साथ पूरी मेडिकल टीम की व्यवस्था भी दुरुस्त रखें।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के समक्ष टूरिज्म निदेशक श्रीमती अंजलि यादव ने इको रिट्रीट नेतरहाट-2023 के आयोजन के तैयारी की विस्तृत रूपरेखा की जानकारी पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से रखी। अधिकारियों ने तैयारी से संबंधित प्रत्येक बिंदु से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मौके पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिए।
*बैठक में राज्य के मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री संजय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, पर्यटन विभाग के सचिव श्री मनोज कुमार, निदेशक पर्यटन श्रीमती अंजलि यादव, निदेशक आईपीआरडी श्री राजीव लोचन बक्शी सहित अन्य उपस्थित थे।
*मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्य में आगामी अक्टूबर महीने से प्रारंभ होने वाले “अबुआ वीर दिशोम वनाधिकार अभियान” के कार्य योजना के संबंध में अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश।*
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*★ वनों पर निर्भर लोगों को उनका अधिकार देना प्राथमिकता*
*★ “अबुआ वीर दिशोम वनाधिकार अभियान” के तहत वनपट्टा के लिए दावा का सृजन, स्वीकृति और वितरण करें*
*★ अभियान की सफलता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें*
*– श्री हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री*
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झारखंड में वनों पर निर्भर लोगों को उनका अधिकार मिले इस निमित्त राज्य में आगामी अक्टूबर महीने से मिशन मोड में “अबुआ वीर दिशोम वनाधिकार अभियान” के तहत वनपट्टा के लिए दावा का सृजन, स्वीकृति और वितरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अभियान को लेकर अधिकारियों को एक बेहतर कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की सोच है कि वैसे व्यक्ति जिन्हें वास्तव में वन पट्टा अब तक मिल जाना चाहिए था लेकिन नहीं मिल पाया है, उन्हें वन पट्टा उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज झारखंड मंत्रालय में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वन और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक करते हुए ये दिशा-निर्देश दिए।
*मिशन मोड में वितरण करें वनपट्टा*
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि “अबुआ वीर दिशोम वनाधिकार अभियान” के अंतर्गत तीव्र गति से बड़ी संख्या में भूमिहीन पात्र लोगों के बीच वनपट्टा वितरण की जाए। इस अभियान के तहत प्रक्रिया को सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है ग्राम स्तर पर वनाधिकार समिति (एफआरसी) का गठन करना और उसे सभी आवश्यक अभिलेख उपलब्ध कराना। साथ ही, अनुमंडल स्तरीय वनाधिकार समिति (एसडीएलसी) और जिलास्तरीय वनाधिकार समिति (डीएलसी) का पुनर्गठन भी जल्द किया किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की मंशा है कि राज्य में आदिवासी, मूलवासी, दलित, गरीब तथा भूमिहीनों को उनका पूरा अधिकार मिले। वनाधिकार 2006 के अंतर्गत वन क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों को क्या अधिकार दिया गया है इसकी जानकारी उन तक पहुंचाई जाए। लोगों को उनके अधिकार की जानकारी मिल सके इसके लिए विभाग विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग वनाधिकार अभियान की एक बेहतर रूपरेखा तैयार कर इस अभियान को गति देने का काम करे। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वनाधिकार कानून 2006 के तहत राज्य में वन पट्टा आवंटन कार्य को पूर्ववर्ती सरकारों ने उपेक्षित रखा। हमारी सरकार राज्य में वन क्षेत्र में जीवन यापन करने वाले लोगों के बीच वनपट्टा वितरण कर उन्हें उनका अधिकार देने का काम कर रही है।
*बैठक में राज्य के मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री संजय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, राजस्व विभाग के सचिव श्री अमिताभ कौशल, आदिवासी कल्याण आयुक्त श्री अजय नाथ झा, पीसीएफ अनुसंधान फॉरेस्ट डिपार्मेंट श्री सिद्धार्थ त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।*