झारखड एवं बिहार राज्य के मछुआरों के सर्वांगीण विकास हेतु सोनादेवी विश्व विद्यालय, घाटशिला तथा बिहार राज्य मत्स्य सहकारी महासंघ, पटना के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित
झारखण्ड एवं बिहार राज्स के गरीब मछुआरों के सर्वांगीण विकास हेतु तथा मत्स्य पालन के क्षेत्र में उन्हें अद्यतन ज्ञान, तकनीक, कौशल एवं व्यावसायिक प्रबन्धन में प्रशिक्षण प्रदान कर मछुआरे युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से तथा मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिए सोना देवी विश्व विद्यालय, घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम तथा बिहार राज्य मत्स्य सहकारी महासंघ लि. पटना (को फैड) के मध्य दिनांक 24.08.2023 एक एम ओ यू हस्ताक्षरित हुआ। इस मौके पर सोना देवी विश्वविद्यालय, घाटशिला के चेयरमैन श्री प्रभाकर सिंह ने कहा कि दूसरे राज्यों की तुलना में झारखण्ड एवं बिहार में मछली उत्पादन का स्तर बहुत निम्न है लेकिन इन दोनों राज्यों में मत्स्य पालन, उत्पादन के क्षेत्र में असीमित सम्भावनायें हैं। मछली पालन एक सर्व समावेशी व्यवसाय है इसमें ग्रामीण मछुआरोंयुवाओं, महिलाओं एवं किसानों की आजीविका में वृद्धि कर उन्हें आर्थिक रूप से आसानी से स्वावलम्बी बनाया जा सकता ह।
अतः हमने सोना देवी विश्वविद्यालय, घाटशिला में ‘‘नीली क्रांति’’ (ठसनम त्मअवसनजपवद) को नया आयाम देने, झारखण्ड एवं बिहार के मछुआरे युवाओं के ज्ञान, कौशल में वृद्धि कर उनका सशक्तिकरण करने, उन्हें मत्स्य पालन की नई नई तकनीकों जैसे वायोफ्लाक, आर. ए. एस. तथा केज कल्चर आदि से सुसज्जित करने, मत्स्य विज्ञान में युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार उपलब्ध कराने, कृषि एवं मत्स्य विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान तथा नवोन्वेष को बढ़ावा देने, झारखण्ड तथा बिहार के युवा मछुआरों को मत्स्य पालन की विभिन्न योजनाओं की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराने, मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्य संसाधन प्रबंधन, मछली प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी एवं मूल्य संवर्धन मत्स्य पालन इंजीनियरिंग, जलीय पर्यावरण प्रबंधन हेतु फिशरीज विज्ञान में सर्टीफिकेट इन फिशरीज मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन फिशरीज मैनेजमेंट तथा बी.एस.सी0 इन फिशरीज साइन्स में पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए है जिनका एकमात्र उद्देश्य झारखण्ड एवं बिहार के युवा मछुआरों को प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार प्रदान करना तथा मत्स्य उत्पादन में वृद्धि कर झारखण्ड एवं बिहार का नाम देश के मछली उत्पादक राज्यों में ऊँचा करना है।
कोफैड के प्रबन्ध निदेशक श्री ऋषिकेश कश्यप ने भी इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि इस एम.ओ.यू. के परिपेक्ष्य में बिहार एवं झारखण्ड के मछुआरे समुदाय के बच्चों को मछली पालन के क्षेत्र में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए उनकी फीस में 50ः तक की छूट कोफैड तथा एसडीयू द्वारा दी जायेगी।
श्री कश्यप का कहना है कि सोना देवी विश्वविद्यालय, घाटशिला एवं बिहार मत्स्य सहकारी महासंघ, पटना द्वारा हस्ताक्षरित यह एमओयू मत्स्य विज्ञान तथा मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा।