मंत्री बन्ना गुप्ता, विधायक सरयू राय और भाजपा नेता विकास सिंह आमने-सामने
चुनाव से पूर्व सियासत में भूचाल थाना प्रभारी के कक्ष में आत्मदाह करेंगे विकास
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर : स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता का चरित्र हनन से जुड़ा मामला तूल पकड़ता जा रहा है, क्योंकि यह ऐसा मामला है, जिस तरह स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता का फर्जी एफआईआर फिर वायरल हुआ वह चरित्र हनन का प्रकाष्ठा है। इस मामले में अब खुद मंत्री बन्ना गुप्ता, विधायक सरयू राय और भाजपा नेता विकास सिंह आमने-सामने हैं। इन्होंने इस मामले को लेकर एक-दूसरे को आड़े हाथों लिया है। इस मामले में यह कहना गलत नहीं होगा कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता भी उतनी अच्छी लगती है, जितनी उसकी सीमा होती है, लेकिन यह मामला पूरी तरह राजनीतिक के साथ ही नागरिक सुचिता के भी खिलाफ है।
मीडिया से बातचीत में इस घटना को स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता ने राजनीतिक विरोधियों की नीचता और कुंठित मानसिकता बताया, उन्होंने कहा, जिसके साथ भगवान शिव का आशीर्वाद और जनता का प्यार हो उसका कौन क्या बिगाड़ सकता हैं? उन्होंने कहा, पिछली बार भी मेरे फर्जी वीडियो को सरयू राय ने पोस्ट किया, फिर उनके कट्टर समर्थक स्वास्थ्य विभाग के एक चिकित्सक जिन पर विभागीय कार्यवाई चल रही हैं ने प्रत्येक व्हाट्सप्प ग्रूप और सोशल मीडिया पर वायरल कर झूठा प्रचार प्रसार कर मेरी राजनीतिक छवि को बिगाड़ने और चरित्र हनन करने का दुह्साहस किया था।
श्री गुप्ता ने कहा, सरयू समर्थकों ने ही फिर मुझे नीचा दिखाने और चरित्र हनन के लिए एक सोची साझी साजिश के तहत झूठी फर्जी एफआईआर को हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचारित और प्रसारित किया, क्योंकि जमशेदपुर मे मेरा एक बड़ा कार्यक्रम प्रस्तावित था।
स्वास्थ्य मंत्री ने सवाल किया मेरा कसूर क्या हैं, क्या मैं बैकवर्ड हूं ये मेरा कसूर हैं?क्या मैं एक पिछड़े वर्ग परिवार से आता हूं ये मेरा कसूर हैं? क्या मेरा शोषित, वंचित, गरीबों, ऑटो चालकों, ठेला वाला, खोमचा वाला, गोलगप्पा वाला मतलब गरीब लोगों का साथी हूं, उनके हक और अधिकार की बात करता हूं, ये मेरा कसूर हैं?
दूसरी तरफ, प्रेस से बातचीत सरयू राय ने कहा मंत्री बन्ना गुप्ता खुद को बैकवर्ड कहकर सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, गत एक माह में इन्होंने जमशेदपुर में क़रीब 100 गरीब फुटपाथ दुकानदारों का आशियाना तुड़वाया है, इनमें से प्रायः सभी पिछड़ा वर्ग से हैं। इसी तरह इन्होंने कोविड महामारी के दौरान आदित्यपुर, जमशेदपुर के सेव-प्प्प् नामक एक अस्पताल को बन्द करा दिया। इसके मुख्य चिकित्सक डॉ. ओ.पी. आनन्द को जेल में डाल दिया। मैंने डॉ. आनन्द के पक्ष में यह मामला उठाया था। डॉ. ओ.पी. आनन्द भी बैकवर्ड हैं, यादव जाति से हैं। मामला हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक गया और फैसला डॉ. ओ.पी. आनन्द के पक्ष में आया, जिससे सरकार की किरकरी हुई। उन्होंने कहा, क्या बन्ना गुप्ता पिछड़े वर्ग के चिकित्सक का अस्पताल जबरन बंद कराने से हुए नुकसान की भरपाई करेंगे ? उसी समय बन्ना गुप्ता ने जमशेदपुर के कांतिलाल मेडिका अस्पताल को बंद करा दिया। चिकित्सक सहित करीब 350 अस्पताल कर्मी इससे प्रभावित हुए। इसमें से अधिकांश कर्मी बैकवर्ड वर्ग के हैं।
श्री राय ने कहा, राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता के संबंध में एक एफआईआर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसे वे फर्जी बता रहे हैं। इस मामले में राँची के पुलिस अधीक्षक (नगर) ने कहा है कि इसका स्रोत जानने के लिए जाँच की जा रही है। दूसरी ओर श्री बन्ना गुप्ता के एक प्यादे ने जमशेदपुर में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया है और प्राथमिकी दर्ज होते ही पुलिस सक्रिय हो गई है। जिन तीन लोगों पर जमशेदपुर के कदमा थाना में प्राथमिकी दर्ज हुआ है, स्वास्थ्य मंत्री जी उन्हें मेरा नजदीकी बता कर मुझे भी इसमें लपेटना चाह रहे हैं। मैं मांग करता हूं कि इस मामले में न्यायिक जांच कराई जाए।
उधर, भाजपा नेता विकास सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कदमा थाना प्रभारी ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के दबाव पर बिना सोचे समझे बिना जांच पड़ताल के फर्जी मुकदमा आनंद कुमार, विकास सिंह और डॉक्टर मृत्युंजय सिंह के ऊपर दर्ज करने का कार्य किया है, जो सीधे-सीधे कानून और संविधान की अवेहलना के साथ-साथ ठेंगा दिखाने का कार्य है। विकास सिंह ने कदमा थाना प्रभारी से कहा कि एक ही फर्जी मुकदमा है, जिसे रांची कोतवाली थाना कर रही है कि उसे 12:00 बजे रात को प्राप्त हो गया और उसी मुकदमे को कदमा थाना प्रभारी का कहना है कि उसे दूसरे दिन 10:44 में तैयार किया गया है। विकास सिंह ने कहा कि कदमा के थाना प्रभारी को कानून का ज्ञान कम है और वह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के करीबी बने रहने के कारण कानून की धज्जियां उड़ाने का कार्य कर रहे हैं। इसलिए दशहरे के बाद 15 अक्टूबर को कदमा थाना प्रभारी के कक्ष में आत्मदाह करेंगे । विकास सिंह ने कहा मंत्री के ऊपर यौन शोषण का जो फर्जी मुकदमा प्रकाश में आया है, वह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के स्वयं की मस्तिक की उपज है।
बहरहाल फर्जी एफआईआर मामले में चुनाव से पूर्व जमशेदपुर की राजनीति में भूचाल ला दिया है सभी आरोपों का पुलिदा लेकर घूम रहे हैं
आरोप प्रत्यारोप का दौर चलेगा टीम बन्ना , टीम सरयू व विकास सिंह भी एक दूसरे पर तरह-तरह के आरोप लगाएंगे देखना दिलचस्प होगा कि अगला बम कौन फोड़ता है