रांची : राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल खियांग्ते ने बताया कि लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी है. अधिसूचना के साथ ही राज्य के तीन लोकसभा सीटों (दुमका, राजमहल (एसटी) और गोड्डा) के लिए नामांकन काम शुरू हो गया. श्री खियांग्ते सोमवार को निर्वाचन कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उनके साथ निर्वाचन पदाधिकारी विनय चौबे और मनीष रंजन भी थे.
तीनों सीटों पर कुल 6258 पोलिंग बूथ है. इसके लिए 6038 बैलेट यूनिट और 6522 वीवी पैट का इस्तेमाल किया जायेगा. एक जनवरी 2019 तक (बाद में संशोधित सूची जारी होगी) तीनों सीटों पर 4489640 मतदाता हैं. राजमहल में 14.34, दुमका में 13.69 तथा गोड्डा में करीब 16.94 लाख मतदाता होंगे. राजमहल में सात, दुमका में 11 तथा गोड्डा में छह ट्रांसजेंडर भी मतदान करेंगे. 29 अप्रैल को तीनों सीटों के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी होगी. श्री खियांग्ते ने बताया कि चार चरणों में कुल 129636 मतदान कर्मी ड्यूटी पर लगाये जायेंगे. पहले चरण में 25727, दूसरे चरण में 39909, तीसरे चरण में 36464 तथा चौथे चरण में 27386 मतदानकर्मी चुनाव कार्य में लगाये जायेंगे. इसके अलावा करीब तीन हजार से अधिक सेक्टरोल मजिस्ट्रेट होंगे. एनएसएस और स्काउट और गाइड के वोलेंटियर भी दिव्यांगों को सहयोग करने के लिए मौजूद रहेंगे. दूसरे चरण में 65.87 लाख मतदाता डालेंगे वोट : श्री खियांग्ते ने बताया कि चौथे चरण में कुल 65.87 मतदाता मतदान करेंगे. इसमें कोरडमा में करीब 18.12, रांची में 19.10, खूंटी में 11.99 तथा हजारीबाग में करीब 16.60 लाख मतदाता मतदान करेंगे. इसमें अब कोई संशोधन नहीं होगा. 190025 मतदाता युवा हैं. इनकी आयु सीमा 18 से 19 साल के बीच की है. मनीष रंजन ने बताया कि सभी बूथों पर आठ-आठ पोस्टर लगाये जायेंगे. इसमें मतदानकर्मियों की जिम्मेदारी के साथ-साथ मॉक पॉल की जानकारी भी रहेगी. वीवीपैट के साथ-साथ आपात स्थिति की जानकारी दी जायेगी. क्या करें, क्या नहीं, यह भी बताया जायेगा. मतदान केंद्र स्मोक और टोबेको फ्री होगा. दिव्यांगों के लिए रैम्प, व्हील चेयर के साथ-साथ वोटर गाइड भी रहेंगे. विनय चौबे ने बताया कि संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ भी चिह्नित किये गये हैं. संवेदनशील बूथों में वैसे बूथों को रखा गया है, जो गांव-टोले में हैं, जहां लोगों को धमकाये जाने की सूचना है. इसकी पहचान की जा रही है.
इसमें राजनीतिक दलों का सहयोग भी लिया जा रहा है. अति संवेदनशील में वैसे बूथों को चिह्नित किया गया है, जहां पिछले चुनाव में 75 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है. यह भी देखा जा रहा है कि एक ही पार्टी को 90 फीसदी से अधिक वोटिंग तो नहीं हुई है. इन बूथों पर केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति की जायेगी.