????हस्तक्षेप????
*नेता जी दूसरे के सहारे लड़ाई क्यों …?*
*नेता जी!किसी को बेसबब शोहरत नहीं मिलती है*
*उन्हीं के नाम हैं दुनिया में जिन के काम अच्छे हैं*
संघर्ष, सनातन नहीं, शत्रुता, इस जीवन-भर ही तो है।
समूह के सभी सम्मानित साथियों को नैतिक समर्थन देने के लिए आभार
नेता जी!ये कौन-सी नैतिकता है कि आप किसी और के सहारे लड़ाई लड़ रहे हैं। अगर, लड़ाई लड़नी है तो सामने से लड़नी चाहिए। लोकतंत्र में पत्रकारिता के अपने मूल होते हैं, हमने कभी भी द्वेषपूर्ण पत्रकारिता नहीं की है, जो पत्रकारिता के लिहाज से न्यायसंगत लगता है, वही लिखा।
राजनीतिक व्यक्ति होने के नाते आपको ऐसी बातों से वायस नहीं होना चाहिए, बल्कि ऐसी आलोचना से सीख लेनी चाहिए। आपको मैं साफतौर पर बताना चाहता हूं कि हमारा किसी से कोई भी व्यक्तिगत दोष नहीं है, बल्कि हम पत्रकारिता के उसी सिद्धांत पर चलते हैं, जो इसके मूल में हैं। इसीलिए आपको भी अगर हमारी लेखनी से कोई तकलीफ है तो आप सीधे भी बात कर सकते हैं, इसके लिए किसी और का सहारा लेने की क्या जरूरत हैं। अगर, सीधे बात होगी तो उसके सार्थक परिणाम आएंगे।
*फिर से सोमवार से आपके साथ आपकी सेवा में*
पूरी टीम को साधुवाद जिन्होंने कम ही सही परंतु खबरों से अपडेट रखा गलतियां हुई है उसके लिए माफी चाहता हूं
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देवानंद सिंह
संपादक