सेना के शौर्य को वकीलों का कोटि-कोटि प्रणाम
देश की सुरक्षा संप्रभुता से बढ़कर कुछ नहीं : सुधीर कुमार पप्पू
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर। 27 अप्रैल को पहलगाम के नृशंस हत्या मामले के जिम्मेदार जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के पाक अधिकृत कश्मीरी एवं पाकिस्तान के नौ ट्रैनिंग केंद्र को ऑपरेशन सिंदूर द्वारा ध्वस्त कर भारतीय सेना ने अपने शौर्य एवं वीरता का परिचय दिया है। उनकी इस वीरता को देश के एक अरब 40 करोड़ लोगों के साथ ही औद्योगिक नगरी जमशेदपुर के वकीलों का कोटि-कोटि प्रणाम है। अधिवक्ताओं ने इस मौके पर न्यायालय परिसर में तिरंगा लहराया और भारत माता की जय, वंदे मातरम, जय हिंद, जय हिंद सेना का नारा बारंबार लगाया।
भारतीय सेना विश्व की चौथी बड़ी शक्ति है और इसके रहते देश एवं देशवासियों का बाल बांका नहीं कर सकता है। सेना ने एक तरह से गारंटी दे दी है कि एक भी नारी के सिंदूर पर आंच आई तो पाकिस्तान नहीं बचेगा।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू सहित सभी अधिवक्ताओं ने समवेत स्वर में कहा कि भारत अपनी आजादी के बाद से घरेलू एवं बाह्य आतंकवाद से जूझ रहा है और यहां राजपिता महात्मा गांधी एवं इंदिरा गांधी को अपनी शहादत देनी पड़ी। भारत कभी आतंकवाद को सह नहीं सकता है और आतंकवाद के संरक्षण दाता पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी है।
बांग्लादेश के बाद भी उसने सबक नहीं लिया है और आज पाकिस्तान की भौगोलिक सीमा बदले जाने की जरूरत है।
पूर्व लोक अभियोजन पदाधिकारी सुशील कुमार जायसवाल, देवेंद्र सिंह त्रिलोकी नाथ ओझा, रामजीत पांडेय, बबिता जैन मोहम्मद कासिम, श्रीकांत सिंह, कुलविंदर सिंह, पंकज सिंह राहुल राय, राहुल प्रसाद, संजीव सिंह, मलकीत सिंह सैनी, प्रकाश झा, राजू जी सुनील महतो रतन चक्रवर्ती अन्य अधिवक्ता गण उपस्थित,