चुनावी चौसर पर कोल्हान, मोदी व शाह की प्रतिष्ठा दांव पर
देवानंद सिंह
जमशेदपुर। कोल्हान की 14 सीटों पर बुधवार को मतदान होने जा रहा है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। भाजपा को गोगो दीदी योजना और भ्रष्टाचार मुक्त नारों पर भरोसा है, तो इंडिया गठबंधन को मैया सम्मान योजना और अपने घोषणा पत्र पर भरोसा है।परन्तु चुनाव के ठीक पूर्व कोल्हान के तीन विधायकों का वीडिओ वॉयरल होना झामुमो के सेहत पर असर डालेगा। चुनाव प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने आरोप प्रत्यारोप की सीमाएं लांघ दी हैं। खासकर, जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिम में तो आरोप प्रत्यारोप की प्रकाष्ठा पार कर गई है। बीते रात पश्चिम विधानसभा के कदमा थाना की घटनाएं इसका उदाहरण हैं तो शिव शंकर सिंह और डॉक्टर अजय के आरोपों पर ध्यान दें तो वह भी कम गंभीर नहीं है। जुगसलाई विधानसभा गठबंधन के तहत आजसू के प्रत्याशी रामचंद्र सहिस का सीधा मुकाबला झामुमो प्रत्याशी मंगल कालंदी से है साहिस को गठबंधन का फायदा मिलेगा या फिर मइया सम्मान योजना का लाभ मंगल को मिलेगा यह तो 23 को पता चलेगा
इन सब से इतर इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में खासकर, कोल्हान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। अभी ताजा स्थिति यह है कि कोल्हान के 14 विधानसभा सीट में से भारतीय जनता पार्टी के पास एक भी सीट नहीं है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जब तक कोल्हान में भारतीय जनता पार्टी को अच्छी खासी सीट नहीं मिल जाती है, तब तक झारखंड की सत्ता में भाजपा की वापसी कठिन ही नहीं बहुत मुश्किल है। मोदी और शाह के कहने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर भाजपा की दामन थामने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पर मोदी और शाह को अत्यधिक भरोसा है। भाजपा के इन दोनों शीर्ष नेताओं को यह महसूस हो रहा है कि चंपई सोरेन के माध्यम से भाजपा कोल्हान में कमल खिला सकती है। कोल्हान चक्रधरपुर विधानसभा में भी इस बार कोई बड़ा उलटफेर हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा। परंतु जमीनी हकीकत यह है कि कोल्हान के 14 सीटों में से चार सीट पर ही भाजपा कॉन्फिडेंस नजर आ रही है, बाकी एक भी सीट ऐसा नहीं है, जिस पर भाजपा दावा कर सके कि भाजपा को जीत मिलेगी, हलांकि बहरागोड़ा विधानसभा विधायक समीर महंती और पोटका विधयक संजीव सरदार का विडिओ जिस तरह से वायरल हुआ है वह झामुमो के सेहत पर असर डालेगा और इसका सीधा फैयदा भाजपा प्रत्याशी दिनेशानंद गोस्वामी और मीरा मुंडा को मिलेगा कुल मिलाकर हम कह सकते है की चुनावी चौसर कोल्हान में बिछ चुकी है।
मोदी और शाह का ही नहीं बल्कि क्रमशः पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, मधु कोड़ा की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। भाजपा के इन दिग्गज और कद्दावर नेताओं की जमीनी पकड़ कितनी है, इस बार के चुनाव में इसका खुलासा हो जाएगा। अगर, ये लोग भाजपा के लिए बेहतर रिजल्ट नहीं दे पाए तो इन लोगों का राजनीतिक भविष्य संकट में आ सकता है। चुनावी मैदान में इंडिया गठबंधन के साथ इस तरह का मुकाबला है कि चंपई सोरेन और अर्जुन मुंडा झारखंड के दूसरे विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार में नहीं जा पा रहे हैं। सुरक्षित सीट सरायकेला, पोटका, घाटशिला और जगन्नाथपुर में सीधी टक्कर है। इंडिया गठबंधन की ओर से कोल्हान में तीन सीट कांग्रेस को मिली है, जिसमें जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिम और जगन्नाथपुर सीट शामिल हैं। जमशेदपुर पूर्वी को छोड़कर जमशेदपुर पश्चिम और जगन्नाथपुर में बीते चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। जमशेदपुर पश्चिम में बन्ना गुप्ता पिछली चुनाव में जीते थे और इस बार उनके सामने जनता दल यू के प्रत्याशी सरयू राय चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें एनडीए गठबंधन का समर्थन मिल रहा है। वहीं, पूर्वी विधानसभा में इस बार पूर्व मुख्यमंत्री उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास की बहु पर भाजपा ने विश्वास जताया है और उनके सामने कांग्रेस से डॉक्टर अजय भाजपा की बागी प्रत्याशी शिव शंकर सिंह चुनावी टक्कर देने को तैयार हैं।
जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिम का चुनावी समीकरण आज के तारीख में दिलचस्प हो गया है। भाजपा कांग्रेस दोनों की नजर में शिव शंकर सिंह हैं। भाजपा सोच रही है कि शिव शंकर सिंह को जितना काम मत मिलेगा, भाजपा को फायदा होगा और कांग्रेस सोच रही है कि शिव शंकर सिंह को जितना मत मिलेगा उसे फायदा है, जबकि पूर्वी विधानसभा में प्रत्याशी तरुण दे जो कि लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के उम्मीदवार हैं उन पर हैं किसी की नजर नहीं है और अगर वह गुल खिलाने में कामयाब हो गया तो पूर्वी विधानसभा के सारे समीकरण ध्वस्त हो जाएंगे और पूर्वी के साथ पश्चिम विधानसभा में इस बार झारखंड बनने के बाद पहली बार जमकर भीतरघात होगा, जबकि जगन्नाथपुर में सोनाराम सोलंकी पिछली बार चुनाव जीते थे। इस बार उनका सीधा मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा के साथ है, जो भाजपा प्रत्याशी हैं, वहीं पोटका विधानसभा सीट पर पिछली बार झारखंड मुक्ति मोर्चा के संजीव सरदार ने जीत दर्ज की थी, इस बार उनका सीधा मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी और भाजपा प्रत्याशी मीरा मुंडा के साथ है, जबकि घाटशिला सीट पर पिछली बार चुनाव जीतकर हेमंत सरकार में कैबिनेट मंत्री बने रामदास सोरेन को भाजपा प्रत्याशी और चंपई सोरेन के सुपुत्र बाबूलाल सोरेन के साथ मुकाबला है।
इस बार चुनाव प्रचार में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोल्हान को कुछ ज्यादा ही फोकस किया, उन्होंने चंपई सोरेन से मंच पर मंत्रणा भी की। भाजपा नेता कोल्हान के 14 सीटों को लेकर कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगा कर बैठे हैं। वैसे कोल्हान में झारखंड मुक्ति मोर्चा और तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस की पकड़ मजबूत बताई जाती है, इससे भाजपा नेताओं में चिंता व्याप्त है, लेकिन आगे चुनाव परिणाम ही बताएगा कि भाजपा की जमीन कितनी मजबूत हुई है या इंडिया गठबंधन अपने इतिहास को दोहराएगी