Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » जमीन पर ‘बिछा’ काशी फूल, मतलब वर्षा ऋतु की विदाई और मां दुर्गा का आगमन
    Breaking News जमशेदपुर झारखंड

    जमीन पर ‘बिछा’ काशी फूल, मतलब वर्षा ऋतु की विदाई और मां दुर्गा का आगमन

    Devanand SinghBy Devanand SinghSeptember 30, 2023No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

     

     

    जमीन पर ‘बिछा’ काशी फूल, मतलब वर्षा ऋतु की विदाई और मां दुर्गा का आगमन

    बहरागोड़ा । पाथरी पंचायत के मधुआबेड़ा गाँव में में छाये सफेद और नीले बादलों के साथ धरती पर चारों तरफ फैले सफेद काशी के फुल वर्षा ऋतु की विदाई और मां दुर्गा के आगमन का अहसास कर रहे हैं। पहाड़, नदियों के किनारे और खेत की मेड तथा खाली पड़े बंजर जमीन में बिछा काशी फुल का सफेद मखमली चादर सहज ही सभी को आकर्षित कर रहा है।

     

    काशी फूल को मां दुर्गा देवी भगवती का स्वागत पुष्प माना जाता है। शारदीय नवरात्र के पहले मां भवानी के स्वागत के लिए काशी फूल धरातल पर हरे चादर में सफेद कालीन की तरह बिछ जाते है। धरती मानो हरियाली में सफेदी को लिए इठला रही होती है।
    बहरागोड़ा प्रखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र पर काशी फुल को देख ब्याहता के मन में उत्साह का संचार: लोक कथाओं और परंपराओं में काशी फुल की मान्यता रही है। भद्र के महीने में दूर खेत की मेड़ पर काशी के फूल देख ब्याहता को ऐसा आभास होता है

     

    झारखंड की परंपरा संस्कृति में काशी फूल का जन्म से लेकर मरण तक की विधि-विधान में विशेष महत्व है काशी फुल को लेकर कई लोकगीत भी प्रचलित है। झारखंड की संस्कृति में प्रकृति का खास महत्व है, प्रकृति के प्रत्येक पेड-पौधे और घास का विशेष महत्व रहा है। इसमें काशी फुल भी सभी को कभी आकर्षित करता है। कई फिल्मों में भी काशी फुल का मनोहारी दृश्य सभी को लुभाता है, हर क्षेत्र में इसका खास महत्व है। शुभ कार्य में काशी के पत्ते और फुल का उपयोग किया जाता है। काशी फूल को मां दुर्गा देवी भगवती का स्वागत पुष्प माना जाता है

    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleडॉ. ब्रजभूषण मिश्र होंगे अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के सत्ताईसवें राष्ट्रीय अध्यक्ष
    Next Article jharkhand:प्रशासनिक भवन परिसर स्थित सभागार में झारखंड राज्य की महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा माझी की अध्यक्षता में पोषण माह 2023 का समापन समारोह का आयोजन

    Related Posts

    हर एक मनुष्य को शारीरिक-मानसिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में विकसित होने का अधिकार है

    May 12, 2025

    फिर आएगा गौरी : इतिहास के पन्नों से वर्तमान तक का सबक

    May 12, 2025

    बौद्ध धर्म का उदय-प्रसार और बौद्ध स्मारक के संरक्षण की आवश्यकता

    May 12, 2025

    Comments are closed.

    अभी-अभी

    हर एक मनुष्य को शारीरिक-मानसिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में विकसित होने का अधिकार है

    फिर आएगा गौरी : इतिहास के पन्नों से वर्तमान तक का सबक

    बौद्ध धर्म का उदय-प्रसार और बौद्ध स्मारक के संरक्षण की आवश्यकता

    संघर्ष विराम कूटनीतिक राहत या अस्थायी विराम?

    सरायकेला थाना से महज 500 मीटर की दूरी पर असामाजिक तत्वों ने साप्ताहिक हाट बाजार में लगा दी आग

    तेली साहू समाज गोलमुरी क्षेत्र ने मनाया कर्मा जयंती, कार्यकम का उद्घाटन पूर्णिमा साहू और दिनेश कुमार ने किया

    हेलमेट और कागजात की चेकिंग के बाद भी लोगो से पैसे की मांग करती हैं पुलिस – सरदार शैलेन्द्र सिँह

    आदित्यपुर में एंटी करप्शन इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की बैठक संपन्न, सदस्यों को भ्रष्टाचार मुक्त समाज निर्माण का दिया निर्देश

    हाता बिरसा चौक में बनेगा 4.50 करोड़ की लागत से बस स्टैंड सह मार्केट कॉम्प्लेक्स, विधायक संजीव सरदार ने किया भूमि पूजन

    जमशेदपुर मे संभावित हवाई हमले व अन्य आपदा प्रबंधन के संबंध में मॉक ड्रिल का आयोजन

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.