नई दिल्ली. आम आदमी को एक और बड़ा झटका लगने वाला है. सर्दी जाते ही और गर्मी का सीजन शुरू होने से पहले ही गर्मियों के कपड़े महंगे होने की तैयारी में है. धागे और कपड़े बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते कच्चे माल महंगे हो गए हैं, इसलिए कपड़ों की लागत बढ़ गई है. लिहाजा कंपनियों के सामने दाम बढ़ाने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं बचता. अगर ऐसा होता है तो गर्मियों के आने से पहले ही आपके कपड़े महंगे हो जाएंगे.एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि आने वाले समय में गर्मियों के कपड़े की कीमत 5-15 फीसदी तक बढ़ सकती है. जीएसटी काउंसिल ने अभी हाल में फुटवीयर और गारमेंट पर जीएसटी बढ़ाने का फैसला लिया था जिसे भारी विरोध के बीच रोकना पड़ा. टेक्सटाइल पर फैसला अभी रोका गया है, लेकिन फुटवीयर पर जीएसटी बढ़ाने का ऐलान हो चुका है. टेक्सटाइल पर जीएसटी वृद्धि को सरकार ने भले ही अभी रोक दिया हो, लेकिन आने वाले समय में इससे महंगाई में राहत नहीं मिलने वाली. टेक्सटाइल कंपनियां कपड़ों के रेट 5-15 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं.
सिले-सिलाए कपड़े बेचने वाली कंपनियों का कहना है कि पिछले एक साल में लागत का खर्च बढ़ गया है. कोरोना के चलते मांग और सप्लाई में अंतर आने से कंपनियों पर बोझ बढ़ गया है. ऐसे में उनके सामने कपड़ों के रेट बढ़ाने के सिवा दूसरा कोई उपाय नहीं है. कंपनियों का कहना है कि सूती धागे और कपड़े बनाने वाली सामग्री के दाम पहले से बहुत बढ़ गए हैं जिससे उनका लागत पहले की तुलना में अधिक हो गया है. इन कंपनियों की माल ढुलाई पहले से 300-400 परसेंट तक बढ़ गई है. कपड़े बनाने वाले ब्रांड का कहना है कि अब स्थिति बिगड़ गई है और उन्हें खर्च पाटने के लिए कीमतें ग्राहकों से वसूलनी होगी.
डिस्काउंट घटाएंगी कंपनियां
कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं जो कम कीमतें बढ़ाएंगी. कुछ कंपनियां अगर अभी रेट नहीं बढ़ाएंगी तो इसकी भरपाई करने के लिए अपने डिस्काउंट कम करेंगी. जनवरी महीने से गर्मी के कपड़े मार्केट में आना शुरू हो जाएंगे. इनमें अधिकांश ब्रांड नए रेट के साथ उतरेंगे तो कई ब्रांड ऐसे भी होंगे जो डिस्काउंट हटा देंगे या पहले की तुलना में कम कर देंगे. औसतन देखें तो कपड़े की कंपनियां अधिकतम 15 फीसदी तक रेट बढ़ा सकती हैं. इसलिए ग्राहकों को एक और महंगाई के लिए तैयार रहना चाहिए.
एसी-फ्रीज भी महंगे
अभी शायद ही कोई क्षेत्र हो जिसमें महंगाई न बढ़ी हो. खाने-पीने से लेकर पहनने-ओढ़ने और यहां तक इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और होम अप्लायंस भी महंगे हो गए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लायंस सेक्शन में एसी-फ्रीज के दाम बढ़ गए हैं और कंपनियां बहुत जल्द वॉशिंग मशीन, टीवी आदि के दाम बढ़ाएंगी. इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने वाली लगभग सभी देसी और विदेशी कंपनियों ने इसकी तैयारी कर ली है. कंपनियों का कहना है कि विश्व बाजार में कच्चे माल की बढ़ती कीमतें और माल ढुलाई का खर्च बढ़ने से उनका प्रोडक्शन कॉस्ट कई गुना तक बढ़ गया है. इसे बराबर करने के लिए उनके सामने सामानों के दाम बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है.