विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी ने उर्दू शिक्षकों का वेतन गैर योजना मद से देने का मामला सदन में उठाया
सरकार अल्पसंख्यक शिक्षकों के साथ सहानुभूति पूर्वक विचार करें
उर्दू शिक्षकों के साथ भेदभाव होना गलत
सरकार ने दिया आश्वासन.. इसी साल रिक्त पदों पर उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी
*झारखंड हज कमेटी के चेयरमैन सह जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी ने आज सदन में उर्दू शिक्षकों का मामला अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से उठाते हुए उर्दू शिक्षकों को वेतन गैर योजना मद से देने की बात कही।साथ ही कहा का सरकार के द्वारा उर्दू शिक्षकों के स्वीकृत पदों को गैर योजना मद में हस्तांतरित किए जाने पर वित्त विभाग द्वारा यह परामर्श दिया गया है की प्रथमत: वर्ष 2014- 15 15 -16 एवं 2019 के रिक्त पदों को को भरा जाए उसके पश्चात ही उर्दू शिक्षकों के पदों को गैर योजना मद में सरकार स्थानांतरित करेगी । ऐसे में यह प्रश्न है कि सरकार इन रिक्त पदों को कब तक विज्ञापन के माध्यम से प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित कर भरने का विचार रखती है।महोदय इसे शीघ्र किया जाना उचित होगा। आखिर उर्दू शिक्षकों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों। उर्दू शिक्षकों का पिछले साल का वेतन बकाया पहले से ही है और इस साल का वेतन भुगतान में विलंब होने से आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सरकार की लापरवाही के कारण जो शिक्षक का बैकलॉग है उसे पूरा नहीं किया गया सरकार इसे कब पूरा करेगी इसके लिए एक समय सीमा निर्धारित करें ताकि बच्चों को पढ़ने के लिए इंतजार न करना पड़े। उर्दू शिक्षकों की बहाली नहीं होने से शिक्षकों में भारी असंतोष है। कार्यरत 16% उर्दू शिक्षक सरकार के नियमित बहाली में विलंब होने का खामियाजा यह उर्दू शिक्षक क्यों सहेंगे इनके परिवारों के समुचित देखभाल पठन-पाठन यह सरकार की जिम्मेदारी है कि कार्य शिक्षकों को सातवें वेतन एवं सुविधा मुहैया कराए मैं सरकार से आग्रह करूंगा की अल्पसंख्यक शिक्षकों के साथ सहानुभूति पूर्वक विचार करें और इनका वेतन योजना मद से हस्तांतरित कर गैर योजना मद से कराया जाए। सरकार ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सदन में आश्वासन दिया की रिक्त पदों को इसी साल भरने की प्रक्रिया की जाएगी तत्पश्चात उर्दू शिक्षकों का वेतन गैर योजना मद में किया जाएगा।*