चुनावी प्रचार-प्रसार के दौरान शब्दों पर रख नियंत्रण वरना होगी कार्रवाई:जिला निर्वाचन पदाधिकारी
राष्ट्र संवाद संवाददाता
चुनावी प्रचार-प्रसार के दौरान किसी भी राजीनितिक दल, प्रत्याशी या उनके समर्थकों द्वारा आपसी शत्रुता या घृणा उत्पन्न करने वाले वाक्य/शब्द या सोशल मीडिया कंटेट जिसमें फोटो/वीडियो के माध्यम से आपसी सौहार्द्र बिगाड़ने की स्थिति उत्पन्न की जाती है तो संबंधित के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी ।
कोई भी व्यक्ति जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के तहत चुनाव के संबंध में भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर शत्रुता या घृणा की भावनाओं को बढ़ावा देता है या बढ़ावा देने का प्रयास करता है, उसे कारावास की सजा दी जाएगी। जिसकी अवधि तीन वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है, या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जा सकता है ।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनन्य मित्तल ने कहा कि सोशल मीडिया पर भी चुनावी प्रचार-प्रसार के दौरान हेट स्पीच, फेक न्यूज, वर्ग एवं सांप्रदाय के बीच उन्माद को प्रोरित करते फोटो/ वीडियो प्रसारित किए जाने पर 24X7 नजर रखी जा रही है । उन्होने सभी नागिरकों से अपील करते हुए कहा कि ऐसा कुछ आपके संज्ञान में आता है जिससे यह प्रतीत हो कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है तो सी-वीजिल एप पर फोटो/ वीडियो अपलोड करें, सूचनादाता का नाम गोपनीय रखते हुए संबंधित के विरूद्ध जांचोपरांत 100 मिनट के अंदर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी । सी-विजिल एप में धनराशि वितरण, गिफ्ट / कूपन वितरण, शराब वितरण, पैसा बांटने के लिए कूपन का वितरण, महिलाओं को साड़ी बांटने सहित अन्य प्रकार से प्रलोभन देने की शिकायत की जा सकती है । बिना अनुमति पोस्टर, बैनर लगाना, बिना अनुमति बैठक करना, बिना अनुमति के प्रचार में गाड़ी लगाना, धार्मिक तथा उन्मादी भाषणबाजी देकर मतदाताओं को लुभाने या डराने की भी शिकायतें की जा सकती हैं ।