असली जादू देखनी हो तो फिल्म “फूली” देखिए
जादू और जादूगर तो हमने बहुत देखे हैं ..फूलों को कबूतर बना देना… किसी लड़की को गायब कर देना.. लेकिन एक असली जादूगर आपके शहर के नजदीकी सिनेमा घर में आया हुआ है। जी हां आज मैं बात कर रहा हूं फिल्म फूली का। बहुत बार हमारी शिकायत होती है कि कुछ अच्छी मूवी आए जिसे परिवार सहित देखा जा सके। जो हमारे जीवन को बदलने का भी काम करे। जो हमारे सोए हुए आत्मविश्वास को जगाने का काम करे।
फूली पहाड़ों के आंचल में रहने वाली एक ऐसी लड़की की कहानी है जो खूब पढ़ना चाहती है। इतना कि बहुत बड़ा अधिकारी बन सके। परिस्थितियों के कारण उसकी पढ़ाई रूक जाती है तभी उसके जीवन में प्रवेश होता है एक जादूगर का। जो जादू कर उसके भीतर दबे हुए सपनों को उड़ान भरना सिखाता है। तुम्हारे जीवन में जो जादू हो सकता है वह तुम खुद कर सकती हो। तुम्हारे लिए जादू कोई और नहीं कर सकता, तुम्हारी कड़ी मेहनत ही वह जादू पैदा कर सकती है। फूली प्रेरित होकर खूब पढ़ती है और उसके जीवन में असली जादू होता है।
फूली की भूमिका अच्छे से निभाई गई है। अविनाश ध्यानी ने निर्देशन तो बखूबी किया ही है,जादूगर की भूमिका का निर्वहन भी अच्छे से किया है। कहीं न कहीं अविनाश ध्यानी समाज में असली जादू चाहते हैं जिसके लिए उन्हें खुद जादूगर की भूमिका में आना पड़ा है।
इस फिल्म को प्रोड्यूस करने में जमशेदपुर झारखंड के रहने वाले मनीष कुमार जी ने अपना योगदान दिया है मै समझता हूं कि वो समाज को बदलने,प्रेरित करने में अपनी प्रतिबद्धता महसूस करते हैं तभी इस सच्ची घटना पर उन्होंने रूचि दिखाई है। बड़ी हिम्मत की बात होती है ऐसे विषय को रोचक ढंग से समाज के सामने प्रस्तुत करना। पूरी टीम को बधाई। आशा करता हूं कि टीम आगे भी इसी तरह समाज में असली जादू करती रहेगी।