केरल के वायनाड में बचाव अभियान के दौरान हृदय विदारक दृश्य आए सामने
वायनाड: केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन से तबाह हुए मुंडक्कई गांव में बुधवार सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू किया गया। अभियान के दौरान कई क्षतिग्रस्त मकानों के मलबे में दबे शवों को उसी अवस्था में बाहर निकाला गया, जिस अवस्था में वह दुर्घटना के वक्त घर में थे। बचाव दल ने कुछ शवों को बैठे और लेटे हुए अवस्था में क्षतिग्रस्त घरों से बाहर निकाला, जो ह्रदय विदारक था।
बचावकर्मी बुधवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे क्योंकि मुख्य मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के कारण इस इलाके का संपर्क मुख्य इलाकों से टूट गया था।
एक टीवी चैनल पर प्रसारित दृश्यों में सेना के जवानों को कीचड़ में धंसे एक घर की छत को तोड़ते हुए देखा जा सकता है। जवानों को रस्सियों के सहारे घर के अंदर जाते और मलबे में दबे हुए शवों को बाहर निकालते हुए देखा जा सकता है।
एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि उसने मिट्टी से सने हुए शवों को कुर्सियों पर बैठे और खाटों पर पड़े हुए देखा।
उसने कहा, “मंगलवार तड़के जब यह हादसा हुआ तब मृतक व्यक्ति बैठे या लेटे हुए होंगे।”’
अधिकारियों ने हालांकि अभी तक इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
विभिन्न बचाव एजेंसियां इस घटना में लापता लोगों का पता लगाने में जुट गई हैं।
हादसे मे अबतक 123 लोगों की मौत हुई है और 186 लोगों के घायल होने की खबर है हालांकि कई लोगों के लापता होने के कारण मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
मूसलाधार बारिश के कारण मंगलवार तड़के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ था, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कई लोगों की मौत हो गई थी।