झारखंड विधान सभा के बजट सत्र में ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को स्वीकृति दिलाए सरकार : राजेश शुक्ल
झारखंड के 2022-23 के बजट में अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए अन्य राज्यों की तरह 50 करोड़ निधि का प्रावधान हो
झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश कुमार शुक्ल ने झारखंड के राज्यपाल श्री रमेश बैस तथा झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन को ई मेल भेजकर झारखंड में विधान सभा के 25 फरवरी को शुरू हो रहे बजट सत्र में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बिल को स्वीकृत कराने का आग्रह किया है । श्री शुक्ल ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को लिखा है कि झारखंड में कई अधिवक्ताओं के साथ मारपीट की घटना , कई की पिछले बर्षो में हत्या जैसी घटना, उन्हें मामलों में पैरवी करने पर डराने धमकाने की घटना चिंता का विषय है। झारखंड स्टेट बार कौंसिल के सदस्यों ने श्री शुक्ल के नेतृत्व में राज्यपाल और मुख्यमंत्री को इस आशय का ज्ञापन भी पूर्व में सौपा था। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्रारूप भी राज्य सरकार को कौंसिल ने पूर्व में ही सौपा है लेकिन राज्य सरकार के पास यह विचाराधीन है।
श्री शुक्ल ने मुख्यमंत्री श्री सोरेन को लिखा है कि विधान सभा मे इस बजट सत्र में अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए देश के कई राज्यों की तरह झारखंड में भी बजट में निधि आवंटन का प्रावधान होना चाहिए। श्री शुक्ल ने लिखा है कि कोरोना की वैश्विक महामारी में झारखंड में लगभग 300 अधिवक्ताओं का निधन हुआ जिसमें युवा अधिवक्ता भी शामिल है। लेकिन राज्य सरकार ने कोई मदद अधिवक्ताओं के परिजनों को नही किया। इसलिए आवश्यक है कि झारखंड के 2022-23 के बजट में 50 करोड़ की राशि झारखंड में अधिवक्ता कल्याण के लिए आवंटित किया जाय।
श्री शुक्ल ने लिखा है कि दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल , और आंध्र प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ की राज्य सरकारों ने वहां की स्टेट बार कौंसिल को अधिवक्ता कल्याण के लिए निधि का आवंटन किया है। झारखंड सरकार को भी इस पर पहल करनी चाहिए। झारखंड सरकार के पास कौंसिल का इस आशय का ज्ञापन विचाराधीन है जिस पर राज्य सरकार को विचार कर इस बजट सत्र में 2022- 23 के बजट में अधिवक्ता कल्याण को भी महत्व देना चाहिए। श्री शुक्ल ने इस आशय का पत्र भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू और झारखंड के वित्त मंत्री श्री रामेश्वर उरांव को भी भेजा है।
श्री शुक्ल ने कहा है कि झारखंड स्टेट बार कौंसिल के सदस्य शिघ्र ही मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से मिलेंगे तथा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने और झारखंड में अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट में निधि का प्रावधान करने की पुनः मांग करेगे।