तेघड़ा,बेगूसराय :सामान्य रूप से बिहार में सरकार के कई महत्वपूर्ण कार्यों को करने के लिए शिक्षकों को कम में लिया जाता है. चाहे वह जनगणना का कार्य हो, पशु गणना का कार्य हो, मतदान कराने जैसा कार्य हो या मतगणना का कार्य हो. इन तमाम चीजों में आधिकारिक स्तर पर तैयारियां शुरू की जाती है और व्यापक पैमाने पर शिक्षकों को उसमें नियुक्त किया जाता है .क्योंकि बिहार सरकार के पास सबसे अधिक यदि कर्मी है तो वह शिक्षक हैं. लेकिन कई मर्तबा तस्वीर ऐसी आती है कि शिक्षक भी अपनी जिद पर बैठ जाते हैं और अधिकारियों के आदेश को भी ठेंगा दिखा देते हैं .तेघड़ा प्रखंड अंतर्गत चार अलग-अलग विद्यालय के शिक्षकों ने निर्वाचन संबंधी कार्यों से अपने आप को अलग रखा, अधिकारियों ने कई बार पत्र दिए ,निर्देश दिए लेकिन अधिकारियों के आदेश को भी इन शिक्षकों ने ठेंगा दिखाया. इसके बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रामप्रवेश महतो ने चारों शिक्षकों के ऊपर भी विभागीय कार्यवाही शुरू की एवं इन सभी शिक्षकों के अगस्त माह का वेतन भी रोकने की अनुशंसा की है ।जिसमें की भगवानपुर चक्की विद्यालय के शिक्षक मोहम्मद फारूक, तेघड़ा गंज विद्यालय के शिक्षक चंद्रदीप कुमार , धनकौल विद्यालय के शिक्षक सरबर मंसूरी एवम अजीत कुमार, रेलवे विद्यालय बरौनी इन चारों शिक्षकों के वेतन को रोका गया है और विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है। वही जानकारी देते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि इन चारों शिक्षकों ने केवल कार्य में कोताही ही नहीं कीया, अपितु वरीय अधिकारी के आदेश का भी अवहेलना किया है .जिसके कारण यह कार्यवाही शुरू की गई है।