पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह और उसकी पत्नी ने अनोखे अंदाज में दिया विरोधियों को दिया ज़बाब,फारबिसगंज में बाबू वीर कुंवर सिंह प्रतिमा अनावरण समारोह में हुए शामिल
अररिया /बिहार
गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में जेल से हाल ही में रिहा हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह और उसकी पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद ने अपने अंदाज में रिहाई को लेकर बयानवीरों की ओर से दिए जा रहे बयान का जवाब दिया।
दरअसल फारबिसगंज के फैंसी मार्केट में बुधवार को अररिया जिला क्षत्रिय समाज की ओर से आयोजित बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का अनावरण समारोह में बतौर अनावरणकर्ता के रूप में पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह और उसकी पत्नी लवली आनंद पहुंची थी।अररिया जिला क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का अनावरण पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह,उसकी पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद,अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष मोहिन्द्र सिंह तोमर,बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री शाहनवाज आलम ने संयुक्त रूप से किया।
मौके पर पूर्व विधायक देवंती यादव, मुख्य पार्षद वीणा देवी,क्षत्रिय समाज अररिया जिलाध्यक्ष अरुण सिंह, विमल सिंह,डॉक्टर अजय सिंह आदि मौजूद थे।हालांकि कार्यक्रम में अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह और फारबिसगंज विधायक विद्यासागर केशरी उर्फ मंचन केशरी को भी आमंत्रित किया गया था और वे दोनो नरपतगंज विधायक जयप्रकाश यादव के साथ विलंब से कार्यक्रम स्थल में पहुंचे भी।लेकिन कार्यक्रम में शामिल नहीं होकर बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मंचासीन न होकर कार्यक्रम से सीधे निकल चले।भाजपा एमपी एमएलए ने आनंद मोहन सिंह और उसकी पत्नी के साथ मंच साझा नहीं किया।जबकि मंच पर राजद नेता और बिहार सरकार के मंत्री शाहनवाज आलम सहित कई लोग आसीन थे।
कार्यक्रम में पहले मंच पर आसीन अतिथियों को अररिया जिला क्षत्रिय समाज की ओर से पगड़ी और तलवार भेंट किया गया।
मौके पर वक्ताओं ने बाबू वीर कुंवर सिंह के 1857 के विद्रोह और देश की आजादी में उनके बलिदान और संघर्ष के गाथा को याद किया।
मौके पर पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह ने अपने संबोधन में बाबू वीर कुंवर सिंह के योगदान करते हुए कहा कि वे स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से हैं। आइएएस जी कृष्णैया हत्याकांड में वे निर्दोष हैं।बावजूद इसके सजा काटा।जबकि उनके साथ हत्याकांड में सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा मिली थी।लेकिन छह लोग छूट गए,लेकिन उन्होंने उस दंड का सजा काटा,जिन्हे उन्होंने किया ही नहीं।उन्होंने कहा कि जी कृष्णैया हत्याकांड और उसके छोड़े जाने को लेकर सियासी दल के नेता अपनी सियासत चमकाने के लिए कई तरह के बयान दे रहे हैं और उनकी सहिष्णुता की परीक्षा ले दे हैं।किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं कि जी कृष्णैया की हत्या क्यों हुई।कहा कि उन्हें कानून पर विश्वास है और वह निर्दोष हैं इसलिए रिहा हुए हैं।
उन्होंने कहा यह देश किसी के बाप का नहीं है। सबों के खून से सींचा गया चमन भारत है। हिंदुस्तान सभी जाति और धर्मों से मिलकर बना है। यहां के लोगों को संविधान पर पूर्ण विश्वास है। आगे उन्होंने कहा कि सरकार अगर उन्हें दोषी समझती हैं, तो फांसी पर चढ़ा दे।आनंद मोहन ने कहा कि अगर मेरे बारे में जानने चाहते हैं, तो लालकृष्ण आडवाणी और नवीन पटनायक से पूछिए कि मैं क्या चीज़ हूं। मैं हमेशा सिद्धांत की लड़ाई लड़ने वाला व्यक्ति रहा हूं।आनंद मोहन सिंह ने कहा कि लवली आनंद संसद में चिल्ला चिल्ला कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी और कहा था कि अगर मेरे पति दोषी हैं, तो फांसी दे दीजिए। वहीं पूर्व सांसद लवली आनंद ने अपने संबोधन में आनंद मोहन सिंह प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि आनंद मोहन सिंह सिंह जी कृष्णैया हत्याकांड में निर्दोष हैं और यदि निर्दोष की हत्या गलत है तो निर्दोष को फंसाना भी गलत है। आज बच्चा बच्चा जान रहा है कि जी कृष्णैया हत्याकांड में आनंद मोहन सिंह निर्दोष हैं और उसे फंसाया गया है।ऐसे में फिर से आनंद मोहन को जेल में भेज दो,उसे फांसी दे दो,जैसी मांगे तार्किक और न्याय संगत नहीं है।उन्होंने कहा कि जी कृष्णैया जी के परिवार वालों के साथ उनकी पूरी सिंपैथी है।अगर वेलोग परिवार के मुखिया के बिना रहे है तो वह भी 15 सालों से पति के बिना और उसके बच्चे पिता के बिना रहे हैं।
सभा को कई वक्ताओं ने संबोधित किया और बाबू वीर कुंवर सिंह की गौरव गाथा की चर्चा की।