मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री ने किया मंझौल पशु अस्पताल का औचक निरीक्षण
बिहार उप ब्यूरो चन्दन शर्मा की रिपोर्ट
बेगूसराय : मंझौल का प्रथम श्रेणी बिहारी सिंह मवेशी अस्पताल कहने भर का प्रथम श्रेणी अस्पताल रह गया है । लगभग 25 साल से यह अस्पताल यूं ही बेहाल वीरान पड़ा है। मंझौल का यह बिहारी सिंह पशु अस्पताल दिन प्रतिदिन पीछे होता गया। जर्जर मकान ,भूत बंगला कैंपस,मवैशियों के इलाज की कोई सुविधा नहीं । अपनी डरावनी आकृति लिए मंझौल बेगूसराय स्टेट हाइवे के किनारे खड़ा है यह अस्पताल।
आज से लगभग 70 बरस पहले
मंझौल के राभभज्जु सिंह और डोभर सिंह ने मुख्य सड़क पर करोड़ों की जमीन दान में देकर अपने पूर्वज बिहारी सिंह के नाम पर इसकी स्थापना कराई थी.
आप जानकर चकित रह जाएंगे कि इसके भवन का उद्घाटन बिहार के तत्कालीन राज्यपाल और बाद में राष्ट्रपति बने डा. जाकिर हुसैन ने 1958 में तथा शिलान्यास बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष नंद कुमार सिंह ने 1955 में किया. बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डा. श्रीकृष्ण सिंह ने जमीन मिलने इस अस्पताल को बनाने की स्वीकृति दी थी. एक समय दर्जनों स्टाफ , चार डाक्टर,भीओ, एकेभीओ,टीभीओ से भरा अस्पताल आज वीरान पड़ा है। तब के ग्रामीणांचलों में बेगूसराय जिले के उत्तरी भाग का यह सबसे बड़ा मवेशी अस्पताल था। दर्जनों उन्नत नस्ल के सांड,भैंसा,बकरा,पारा गाय-बकरी,भैंस, हजारों मन भूसा का यहां भंडार था। चौबीस घंटे मवेशी पालकों को सेवा मुहैया कराई जाती थी।
आज इस अस्पताल को देखने वाला कोई नहीं है।सारे आधारभूत ढांचे टूटकर गिर गए । बरसात के मौसम में अस्पताल परिसर में जलजमाव लगा रहता है । विधायक सांसद, अधिकारी सब इसके आगे से गुजरते निकल जाते हैं। किसी ने इसकी दुर्दशा सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया । आज बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य विभाग मंत्री मुकेश साहनी ने बिहारी सिंह पशु अस्पताल का औचक निरीक्षण किया जिसमें अस्पताल के कोई भी कर्मी मौजूद नहीं थे । ग्रामीणों ने अस्पताल के पुनरुद्धार के लिए माँग पत्र दिया जिस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि बहुत जल्द इस पशु अस्पताल का पुनरुद्धार होगा साथ ही यहां के पदाधिकारियों पर कार्रवाई भी की जाएगी । मौके पर मनोज भारती रामप्रवेश साहनी वीआईपी पार्टी के जिलाध्यक्ष जयजय राम साहनी , युवा जिला उपाध्यक्ष पारस कुमार सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।