*बेगूसराय में दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना ही राष्ट्रकवि के प्रति होगी सच्ची श्रद्धांजलि: एआईएसएफ*
चन्दन शर्मा की रिपोर्ट
बेगूसराय : दिनकर हमारी अस्मिता और राष्ट्रीय धरोहर के रूप में है।उनकी जीवतंता का मार्ग यही होगा कि उन्होंने जिस समाज के लिये अपनी लेखनी से क्रांति लाये थे।उसके लिये हम सतत प्रयास करें।दिनकर केवल बेगूसराय बिहार ही नहीं बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के अगुआ क्रांतिकारी थे।आज के समय में बेगूसराय में दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना ही राष्ट्रकवि के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि का मार्ग हो सकता है।
ये बातें राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की 47वीं पुण्यतिथि के अवसर पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एआईएसएफ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन हमजा व बेगूसराय जिला सचिव राकेश कुमार ने कहीं।
उन्होंने कहा कि
दिनकर ओज और शौर्य के प्रतीक थे। उन्होंने समाजवाद की परिकल्पना अपनी कविताओं में की थी।वर्तमान समय में जब छात्रों को शिक्षा से वंचित करने के लिए सत्ता द्वारा तरह तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं तो बेगूसराय के लाखों छात्र-युवा,दिनकर के वारिस दिनकर की जन्मभूमि पर उनके नाम के विश्वविद्यालय बनाने की मांग कर रहे हैं।दिनकर के स्वपनों को साकार करने के लिए शिक्षा ही सबसे बड़ा साधन हो सकता है।सरकार को जल्द से जल्द दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना पर विचार करना चाहिए।