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    Home » इलेक्ट्रिक कार अब 10 मिनट में चार्ज होगी, भारतीय मूल के शोधकर्ता ने खोज निकाली खास तकनीक
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    इलेक्ट्रिक कार अब 10 मिनट में चार्ज होगी, भारतीय मूल के शोधकर्ता ने खोज निकाली खास तकनीक

    Devanand SinghBy Devanand SinghMay 27, 2024No Comments3 Mins Read
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    इलेक्ट्रिक कार अब 10 मिनट में चार्ज होगी, भारतीय मूल के शोधकर्ता ने खोज निकाली खास तकनीक
    नई दिल्ली. भारतीय मूल के शोधकर्ता अंकुर गुप्ता और उनकी टीम ने एक नई तकनीक खोज निकाली है, जिसके जरिए एक इलेक्ट्रिक कार को 10 मिनट और खराब लैपटॉप या फोन को एक मिनट के भीतर चार्ज किया जा सकता है. जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक शोध में शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि आयन नामक छोटे आवेशित कण सूक्ष्म छिद्रों के एक जटिल नेटवर्क के भीतर कैसे चलते हैं.

     

     

    अमेरिका स्थित कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय में रासायनिक और जैविक इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर गुप्ता ने बताया, इस सफलता से सुपरकैपेसिटर जैसे अधिक कुशल ऊर्जा भंडारण उपकरणों के विकास को बढ़ावा मिल सकता है. गुप्ता ने कहा, यह नई खोज वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में ऊर्जा भंडारण के लिए ही नहीं बल्कि यह पावर ग्रिड के लिए भी महत्वपूर्ण है. जहां ऊर्जा की मांग में उतार-चढ़ाव के कारण समय बचाने और उच्च मांग के दौरान शीघ्र कुशल भंडारण की आवश्यकता होती है.

    उन्होंने कहा, सुपरकैपेसिटर, ऊर्जा भंडारण उपकरण अपने छिद्रों में आयन संग्रह पर निर्भर करते हैं. यह बैटरी की तुलना में तेज चार्जिंग समय और लंबे जीवन काल वाले होते हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार सुपरकैपेसिटर की प्राथमिक अपील उसकी स्पीड पर निर्भर करती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि यह खोज मिनटों में हजारों परस्पर जुड़े छिद्रों के जटिल नेटवर्क में बैटरी में आयन के फ्लो को बढ़ाती है.

     

     

    इस शोध से पहले भी नई बैटरी प्रौद्योगिकी से बनने वाली इलेक्ट्रिक कारों के संबंध में कई शोध सामने आए हैं. इलेक्ट्रिक कारों को तीन श्रेणियों में चार्ज किया जा सकता है, जिसमें ट्रिकल चार्ज, एसी चार्ज और डीसी चार्ज शामिल है.

    ट्रिकल चार्ज की बात करें तो यह घर में ही इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने का सबसे धीमा तरीका है, जिसमें एक मानक (तीन-प्रोंग) 220 वाट के प्लग का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं एसी चार्ज में वॉलवॉक्स स्थापित होने से बैटरी 3-4 गुना तेजी से चार्ज हो सकती है. एसी पब्लिक चार्जिंग भी उपलब्ध है.

     

     

     

    डीसी चार्ज में चार्ज करने का सबसे तेज साधन है. इस तरीके से बैटरी को लगभग 40 मिनट में 20 से 80 प्रतिशत तक चार्ज किया जा सकता है. इसके आलावा अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग स्टेशन भी लगाए जा सकते हैं जो 150 किलोवाट से ज्यादा पावर देते हैं. अगर भारतीय मूल के शोधकर्ता अंकुर गुप्ता और उनकी टीम का यह शोध कारगर साबित होता है तो वाहनों को तेजी और सुविधाजनक तरीके से चार्ज किया जा सकेगा. जो बचत के साथ समय भी कम कर देगा.

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