झारखंड में भी सफल नहीं हुई बीजेपी की सियासी चाल
देवानंद सिंह
झारखंड में कई दिनों से चला आ रहा सियासी संग्राम फिलहाल के लिए टल गया है, क्योंकि हेमंत सोरेन सरकार ने दिल्ली की तर्ज पर अपना बहुमत साबित कर लिया है। हालांकि, विपक्ष ने इसका भरपूर वॉकआउट किया, लेकिन इसका बहुत अधिक असर नहीं दिखा। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि इस पूरे प्रकरण में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। बीजेपी बिहार, दिल्ली आदि राज्यों की तरह ही झारखंड में भी अपनी राजनीति साधने में सफल नहीं रही।
दरअसल, सोमवार को 81 सदस्यीय सदन में विश्वास मत के प्रस्ताव पर सरकार के पक्ष में 48 मत पड़े, जबकि भाजपा और आजसू पार्टी के सदस्यों ने मत विभाजन के समय सदन का बहिष्कार कर दिया। इसके साथ ही स्पीकर ने विधानसभा के विशेष सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा की साजिशों का जवाब देने, लोकतंत्र को बचाने और राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को संदेश देने के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है।
विश्वास प्रस्ताव पर जीत हासिल करने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर लिखा-‘जीते हैं हम शान से, विपक्ष जलते रहें हमारे काम से, लोकतंत्र जिंदाबाद!’ जबकि सदन में सीएम ने कहा कि जब से उनकी सरकार ने शपथ ली है, तभी से भाजपा दूसरी पार्टी के विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशों मे जुटी है। सीएम ने विश्वास प्रस्ताव पर अपने भाषण के दौरान झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस और चुनाव आयोग पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य के यूपीए नेताओं ने जब चुनाव आयोग से आये पत्र पर स्थिति साफ करने का आग्रह किया तो उन्होंने एक-दो दिनों में निर्णय लेने की बात कही, लेकिन इसके अगले ही दिन पिछले दरवाजे से दिल्ली निकल गये।
सीएम यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने झारखंड विधानसभा के भाजपा विधायक समरी लाल के बारे में खुलकर हमला बोलते हुए कहा- वह फर्जी सर्टिफिकेट पर विधायक बनकर बैठे हुए हैं, लेकिन उस पर चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं करता है। सोरेन ने कहा कि उन्हें डराने-धमकाने का कोई प्रयास सफल नहीं होगा।
मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान भाजपा सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। इसके पूर्व भाजपा की ओर से बोलते हुए नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि इस सरकार को अपने ही लोगों पर विश्वास नहीं है, इसलिए इन्होंने यह प्रस्ताव लाया है। बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने भी विश्वसमत पर सवाल उठाए।
उधर, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि आज पूरा सदन नहीं बल्कि पूरा राज्य विशेष सत्र की ओर देखा है कि आखिर विशेष सत्र क्यों लाया गया है, क्योंकि हम लोगों को कुछ जानकारी दी गई है,उसमें पूर्व के मानसून सत्र का ही एक दिन रह गया है। हम सदन के नेता से जानना चाहेंगे कि विश्वासमत लाने की जरूरत क्यों पड़ी ? यह प्रक्रिया के तहत नहीं है, किसी ने सरकार के विश्वास पर सवाल ही नहीं खड़ा किया। ऐसे में, मुझे लगता है कि अपने लोगों का विश्वास पाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विश्वास मत ला रहे हैं। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने बन्ना गुप्ता को भ्रष्ट मंत्री कहा। सरयू राय ने सदन में कहा कि सदन में भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ मैं प्रमाण देता हूं, इसके बाबजूद कार्रवाई नहीं होती। रयू राय ने सदन में कहा- सरकार के पास अपार बहुमत है यह सरकार काम करे यही मैं कामना करता हूं।
पिछले दिनों के दौरान जिस तरह का राजनीतिक माहौल झारखंड में देखने को मिला था, उसमें हेमंत सोरेन विश्वास मत हासिल करने को लेकर आत्मविश्वास से भरी हुई नजर आ रही थी, जब आज उसने विश्वास मत हासिल किया तो उसका आत्मविश्वास दोगुना हो गया। बीजेपी के विधायकों ने जिस तरह वॉकआउट किया, उसमें उसकी पूरी तिलमिलाहट दिखाई दी। अपनी हार को सीधेतौर स्वीकारने की जगह उसके लिए स्वयं को फजीहत से बचाए रखने के लिए यही तरीका भी बेहतर था। अगर, वह सदन में सबकुछ देखती तो निश्चित ही उसे बाद में हार स्वीकार करनी पड़ती, जिसको पचाना उसके मुश्किल होता।