भारत गुणवत्ता आधारित स्वास्थ्य देखभाल में विश्वास रखता है और सभी को उच्च गुणवत्ता तथा लागत प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। वसुधैव कुटुम्बकम के अपने दर्शन और स्वास्थ्य को एक सेवा के रूप में देखने के भारतीय दर्शन के अनुरूप ही भारत ने किसी भी इच्छुक देश के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा के रूप में को-विन प्लेटफार्म की पेशकश की है। भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की सी-टैप पहल के माध्यम से डब्ल्यूएचओ को एक डिजिटल सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के तौर पर को-विन प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने यह बात कही। वे “वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट – 2023” में स्वास्थ्य मंत्रियों के वर्चुअल सत्र की अध्यक्षता के दौरान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जिसका शीर्षक था: लचीली स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के निर्माण में सहयोग। यह सत्र समग्र स्वास्थ्य सेवा के लिए विकासशील दुनिया से विचार प्राप्त करने के उद्देश्य से एक मंच के रूप में संचालित हुआ।
डॉ मनसुख मांडविया ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण और अधिक लचीली स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण के लिए दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान केंद्रित करना वर्तमान समय की आवश्यकता है, जो आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को बनाए रखते हुए भविष्य की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपट सकते हैं, उनका मुकाबला कर सकते हैं और त्वरित प्रतिक्रिया भी दे सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने भारत द्वारा कोविड-19 महामारी के प्रबंधन में अपनी शानदार यात्रा के माध्यम से अर्जित की गई प्रमुख उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हमने 12 वर्ष से अधिक आयु वाली आबादी को कोविड से बचाने के लिए उनका कोविड टीकाकरण किया है और देश में 220 मिलियन एहतियाती डोज देने के अलावा 90 प्रतिशत दूसरी डोज कवरेज के साथ ही अब तक 2.2 बिलियन करोड़ से अधिक टीके लगाए हैं। भारत के अनुभव ने इस तथ्य को पुष्ट किया है कि प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता निर्माण, डिजिटल तकनीक का उपयोग करना ही भविष्य का मार्ग है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अपनी जी-20 स्वास्थ्य प्राथमिकताओं में ग्लोबल साउथ की आवश्यकताओं और मांग को आत्मसात करने का प्रयास करता है। स्वास्थ्य मंत्री श्री मांडविया ने प्रधानमंत्री के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि हमारी जी-20 प्राथमिकताओं को न केवल हमारे जी-20 भागीदारों, बल्कि ग्लोबल साउथ में हमारे सहयोगियों के परामर्श से आकार दिया जाएगा। इसके बाद डॉ. मांडविया ने कहा कि इसलिए, हम अपनी विकास यात्रा में भागीदार के रूप में ग्लोबल साउथ की आवाज को जी-20 तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों तक ले जाएंगे। इन प्रयासों का सम्मिश्रण वैश्विक स्तर पर और विशेष रूप से ग्लोबल साउथ में स्वास्थ्य समानता सुनिश्चित करेगा। डॉ. मांडविया ने अपने स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की क्षमता निर्माण के संदर्भ में अन्य देशों को प्रशिक्षण प्रदान करने में भारत के प्रयासों की सराहना की। प्रशिक्षण में एशियाई, दक्षिण-पूर्व एशियाई और अफ्रीकी देशों के प्रतिभागियों के लिए कोविड-19 परीक्षण, नैदानिक अभ्यास, केस प्रबंधन, टीका विकास तथा वितरण शामिल था। भारत ने कुवैत और मालदीव में रैपिड रिस्पांस टीमों को भेजकर अपनी चिकित्सा विशेषज्ञता भी साझा की।