डीजीपी ने सीएम की सुरक्षा कर रही महिला आईएएस अधिकारी का किया था यौन उत्पीडऩ, कोर्ट ने दी सजा
चेन्नई. तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी राजेश दास को शुक्रवार को जूनियर अधिकारी का यौन उत्पीडऩ करने के मामले में तीन साल जेल की सजा मिली. विल्लुपुरम कोर्ट ने राजेश दास को तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई. यौन उत्पीडऩ का आरोप लगने के बाद राजेश दास को निलंबित कर दिया गया था.
फरवरी 2021 में एक महिला आईपीएस अधिकारी ने राजेश दास के खिलाफ शिकायत की थी. महिला अधिकारी ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीसामी की सिक्योरिटी ड्यूटी के दौरान वह यात्रा कर रही थी. उसी वक्त राजेश दास ने उनका यौन उत्पीडऩ किया था.
सरकार ने राजेश दास को कर दिया था सस्पेंड
महिला आईपीएस अधिकारी द्वारा डीजीपी पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाए जाने के मामले ने तुरंत तूल पकड़ लिया था. राज्य सरकार ने राजेश दास को सस्पेंड कर दिया था और मामले की जांच के लिए छह सदस्यों वाली कमेटी बनाई थी. जांच के दौरान पुलिस कर्मियों सहित 68 लोगों के बयान दर्ज किए थे.
सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं राजेश दास
राजेश दास को विल्लुपुरम कोर्ट ने तीन साल जेल की सजा सुनाई है. दास इसके खिलाफ अपर कोर्ट में अपील कर सकते हैं. वे तत्काल जमानत के लिए अर्जी लगा सकते हैं. राहत नहीं मिलने पर दास को जेल जाना होगा. गौरतलब है कि 2021 में यह चुनावी मुद्दा बन गया था. विपक्ष के तत्कालीन नेता एमके स्टालिन ने सत्ता में आने पर उचित कानूनी प्रक्रिया और सजा का आश्वासन दिया था. एमके स्टालिन वर्तमान में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं.
राजेश दास पर कोर्ट ने लगाया 10 हजार रुपए का जुर्माना
कोर्ट ने राजेश दास पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने चेंगलपट्टू के तत्कालीन एसपी डी कन्नन पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया. डी कन्नन ने महिला आईपीएस अधिकारी को शिकायत दर्ज करने से रोकने की कोशिश की थी. घटना के वक्त राजेश दास स्पेशल डीजीपी थे. पलानीसामी चुनाव अभियान में थे. राजेश दास ने अपनी कार में महिला आईपीएस अधिकारी के साथ यौन उत्पीडऩ किया था.