डीजीपी एमवी राव जमशेदपुर पहुंचे अपराध नियंत्रण, नक्सलवाद, साइबर अपराध, डायन प्रथा और कम्युनल अपराध को लेकर गहन चर्चा
संगठित अपराध पुलिस के लिए बड़ी चुनौती:डीजीपी एमवी राव
झारखंड के डीजीपी एमवी राव जमशेदपुर पहुंचे और जिला पुलिस मुख्यालय में पुलिस पदाधिकारी के साथ अपराध और नक्सलवाद पर समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए. डीजीपी ने बताया है कि संगठित अपराध पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है, जिसके लिए रणनीति बनाई गई है, किसी भी अपराधी को हम मारना नहीं चाहते हैं, लेकिन जनता की सुरक्षा के लिए मारना अंतिम विकल्प है.
डीजीपी मंगलवार को हवाई मार्ग से जमशेदपुर पहुंचे, जहां सोनारी एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उसके बाद डीजीपी ने पूर्वी सिंहभूम जिला पुलिस मुख्यालय में जिले के सभी वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ अपराध नियंत्रण, नक्सलवाद, साइबर अपराध, डायन प्रथा और कम्युनल अपराध को लेकर गहन चर्चा की. इस दौरान जोनल आईजी नवीन कुमार सिंह, एसएसपी डॉ एम तमिल वानन के अलावा अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे. लगभग 2 घंटे तकत बैठक करने के बाद डीजीपी मीडिया से मुखातिब हुए
कई इलाकों में आज भी नक्सलवाद: डीजीपीडीजीपी ने बताया कि जमशेदपुर में विधि व्यवस्था और अपराधिक घटनाओं पर समीक्षा बैठक की गई है, आने वाले दिनों में इस साल के लिए टारगेट भी तय किया गया है, संगठित अपराध एक बड़ी चुनौती है, इसके लिए नई रणनीति बनाई गई है. उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे प्रदेश में कम्युनल विवाद ना हो, शांति व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है, समाज में हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में रामनवमी और अन्य पर्व त्योहार को देखते हुए हिंसा फैलाने वालों पर कड़ी नजर बनाए रखने का निर्देश दिया गया है, वर्तमान में पुलिस को जनता का सहयोग मिल रहा है, जिससे कई घटनाओं का खुलासा भी हुआ है. उन्होंने कहा कि अभी भी झारखंड में कई जगहों पर नक्सलवाद है, बंगाल और ओडिशा के बॉर्डर इलाके में गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, भटके हुए लोगों के लिए और नक्सलवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए झारखंड पुलिस एक शॉर्ट फिल्म बना रही है, वर्तमान में राज्यस्तर पर नुक्कड़ नाटक के जरिए सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है और यह बताया जा रहा है कि आप डरें नहीं, किसी भी तरह की समस्या होने पर पुलिस से संपर्क करें, पुलिस हरसंभव मदद करेगी.
डीजीपीडीजीपी ने साफ तौर पर कहा है कि अपराधियों को मानना हमारा उद्देश्य नहीं है, हम जान बचाना चाहते हैं, लेकिन जनता की सुरक्षा के लिए मारना हमारे लिए अंतिम विकल्प है, समाज में शिक्षा की कमी के कारण अपराध और अपराधी बढ़ रहे हैं, ऐसे में घर में माता पिता और शिक्षक पर एक बड़ी जिम्मेदारी है, इसे निभाने की जरूरत है. डीजीपी ने बताया कि राज्य में कई ऐसे जिले हैं,
जहां डायन प्रथा को लेकर कई घटनाएं घट चुकी है, यह एक चिंता का विषय है, इसके लिए निष्कर्ष अब तक नहीं निकल पाया है, इसका मुख्य कारण कहीं ना कहीं शिक्षा के अभाव है. उन्होंने कहा कि अफीम और मादक प्रदार्थों के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं, कई जगहों पर अफीम की खेती को नष्ट किया गया है, जिसका काफी प्रभाव पड़ा है, साइबर अपराध के लिए आम जनता को खुद जागरूक होना पड़ेगा, साइबर अपराधियों के लिए राज्य के जिला में स्पेशल टास्क फोर्स बनाया गया है, जिसके तहत लगातार साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की जा रही है, अब साइबर अपराधी के घर की कुर्की भी की जाएगी, ऑनलाइन क्लास के कारण अब नाबालिग बच्चों के हाथों में मोबाइल है, ऐसे में परिजनों को नाबालिक पर ध्यान देने की जरूरत है, जिससे कि भूलवश उनके ओर से किसी गलत मैसेज पर क्लिक ना करे