युगांतर भारती की गड़बड़ियों में सरयू की संलिप्तता की सी बी आई जांच हो:देवेन्द्र
” आहार ” घोटाला मामले में ” खुद फाइल देख लें ” कहने पर देवेन्द्र सिंह ने सरयू राय पर कटाक्ष किया – वे दूसरों का हिसाब मांगेंगे और अपना हिसाब नहीं देंगे
जमशेदपुर ।भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में विधायक सरयू राय के संरक्षण में चलने वाली गैर-सरकारी संस्था युगांतर भारती द्वारा की गयी गड़बड़ियों और सरकारी राशि का बारा – न्यारा करने की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने की मांग सरकार से की है।
उन्होंने विधायक एवं पूर्व मंत्री सरयू राय पर तंज कसते हुए कहा कि झारखंड में ईमानदारी की स्वयंभू एवं ताजातरीन गैर भाजपाई सरयू राय ने विगत दिनों भारतीय जनता पार्टी एवं भाजपा नेता अभय सिंह के सवालों तथा आरोप का जो जवाब दिया है वह उनकी व्यक्तित्व के अनुरूप एवं अभूतपूर्व है। आहार पत्रिका के मुद्रण, प्रकाशन एवं वितरण पर जो सवाल उठाये गये हैं, उसका जवाब देने के बदले नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले श्रीमान जी ने एक बयान जारी कर दिया कि ‘फाइल देख लें। यदि मिस्टर क्लीन आरोपों का जवाब देने का यही परिपाटी शुरू करना चाहते हैं तो यही सही। लेकिन श्रीमान यह क्यों कहते हैं कि अधिकारियों के मुंह में उगली डालकर सही जवाब निकलवा लूंगा। वे दूसरों से हिसाब मांगेंगे और खूद अपना हिसाब नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी यह जानना चाहती है कि किस नियम-कानून के तहत बिना किसी टेंडर के जमशेदपुर के झारखंड प्रिंटर्स में खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा आहार पत्रिका का मुद्रण, प्रकाशन एवं वितरण किया गया? कुछ ऐसे ही सवाल भारतीय जनता पार्टी ने विगत दिनों उठाया है और आरोप लगाया है। हो सकता है कि यह आरोप गलत हो, दूसरे को भ्रष्ट, चोर और बेइमान बताने वाले खुद बेइमान कैसे हो सकते हैं! इसलिए श्रीमान सरयू राय स्वयं फाइल देखकर बिन्दुवार जवाब देते और चाहते तो आरोप लगाने वाले पर मुकदमा कर सकते थेे, लेकिन उन्होंने दाये-बाये देखते हुए जो ‘प्रेस नोट’ जारी किया उससे प्रतीत होता है कि श्रीमान फंस गये हैं।
श्री सिंह नें कहा कि मंत्री रहते हुए श्रीमान सरयू राय ने एक से एक कारनामें किए हैं, जो अब सामने आने लगे हैं। आप सभी जानते हैं कि ये ‘युगांतर भारती’ एन.जी.ओ. चलाते हैं। यह संस्था झारखंड में निबंधित नहीं है। जबकि इसकी पूरी गतिविधियां झारखंड में हो रही है। संस्था का कार्यालय एवं सारी गतिविधियां रांची, झारखंड में है। मतलब काम झारखंड में और रजिस्ट्रेशन बिहार में। जबकि अलग राज्य होने के बाद 2004 में झारखंड सरकार ने यह अधिसूचना जारी की थी कि बिहार एवं अन्य राज्यों के एन.जी.ओ. जो झारखंड में काम करने को इच्छुक हैं वे इस राज्य में अपना रजिस्ट्रेशन करा लें। इसके बाद भी वे ‘युगांतर भारती’ द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया गया।
उन्होंने युगांतर भारती की गड़बड़ियों में विधायक की संलिप्तता को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्हें यह पता चला है कि युगांतर भारती द्वारा करोड़ों का बारा-न्यारा किया गया है। मंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए श्रीमान सरयू राय जी के संरक्षण में चल रही ‘युगांतर भारती’ को इन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से पानी की जांच का काम दिलाया। यह सही है कि कोई भी एन.जी.ओ. सरकार के नियम का पालन करते हुए काम ले सकता है लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन झारखंड में होना चाहिए। इतना ही नहीं, इन्होंने संस्था ‘युगांतर भारती’ को काम करने के लिए अग्रिम राशि दिलवायी। बाद में 2018 में झारखंड में ‘युगांतर भारती’ के पंजीयन के लिए आवेदन दिया गया। विभाग ने आवेदन में त्रृृटि बताया। कहते हैं ‘युगांतर भारती’ का ऑडिट रिपोर्ट सही नहीं होने के कारण अंतत: इसका निबंधन झारखंड में नहीं हो सका। वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट आधी-अधूरी और गड़बडिय़ों से भरा है। इस ऑडिट रिपोर्ट में किसी व्यक्ति का हस्ताक्षर नहीं है यह कहा जाता है। यह भी मालूम चला है कि इसमें आय-ब्यय भी सही तरीके से नहीं दर्शाया गया है। पूर्व मंत्री के संरक्षण में पल रही यह संस्था द्वारा सरकार और समाज का दोहन कर करोड़ों का बारा-न्यारा किया गया है, ऐसी संभावना है। झारखंड में संस्था का पंजीकरण नहीं होने के बावजूद अपने पद का दुरुपयोग करते हुए श्रीमान ने अधिकारियों पर दबाव डाल कर प्रदूषण विभाग से इसे पंजीकृत करा लिया है।
श्री सिंह नें सरकार से मांग की हैै कि ‘युगांतर भारती’ द्वारा की गयी गड़बडिय़ों और सरकारी राशि का बारा-न्यारा करने की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा करायी जाए।