देहरादून. उत्तराखंड में हो रही भारी बर्फबारी ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित करके रख दिया है. कई जगहों पर यातायात बुरी तरह ठप पड़ा है. लगातार हो रही बर्फबारी के कारण गंगोत्री हाईवे कई स्थानों पर यातायात के लिए बंद पड़ा है. बर्फबारी के कारण हाईवे गंगनानी, सुक्की टॉप से गंगोत्री तक आवाजाही के लिए नहीं खुल सका है. इसी तरह यमुनोत्री हाईवे हनुमान चट्टी तथा राड़ी टॉप में बर्फबारी के कारण पिछले 30 घंटे ज्यादा समय से बाधित है. इसके चलते लोगों को भारी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है.
बीती शनिवार सुबह से ही बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है. दिनभर जारी बारिश और बर्फबारी के कारण गंगोत्री हाईवे गंगनानी सुक्की टॉप, हर्षिल, धराली और भैरव घाटी से गंगोत्री तक पूरी तरह बंद हो गया था. जिससे हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप रही. वहीं बीआरओ की ओर से जेसीबी लगाकर हाईवे पर गिरी पांच से छह फीट बर्फ को साफ करने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है.
बीआरओ पूरी मेहनत से बर्फ हटाने के काम में जुटी हुई है, लेकिन रविवार देर शाम तक भी हाईवे यातायात के लिए नहीं खुल सका था. यमुनोत्री हाईवे हनुमान चट्टी, राड़ी टॉप में कई घंटों से बंद पड़ा है. उधर, उत्तरकाशी लम्बगांव मोटर मार्ग चौरंगी खाल, संकूर्णाधार समेत जिले के आठ लिंक रोड यातायात के लिए बाधित हैं. देहरादून-सुवाखोली मार्ग यातायात के लिए खुला है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल ने बताया कि गंगोत्री, यमुनोत्री हाईवे को सुचारु करने के लिए बीआरओ और एनएच के मजदूर मार्ग को सुचारु करने में जुटे हैं.
जिले में बारिश और बर्फबारी के कारण संगमचट्टी क्षेत्र और मोरी के नैटवाड़ क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति 24 घंटों से ठप है. इसके चलते ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बर्फबारी की सूचना मिलने के बाद पर्यटकों की संख्या नैनीताल में बढ़ गई है. बर्फबारी का पर्यटक लुफ्त उठाते हुए नजर आए. हिमालय की तलहटी में बसा मुनस्यारी का अंतिम गांव नामिक बर्फ से लकदक हो गया है. यहां 3 इंच से अधिक बर्फ गिरी है. पर्यटक भी बढ़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं. पहली बार यहां 380 से अधिक पर्यटक पहुंचे हैं, जिससे ग्रामीण खासे खुश हैं.