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    Home » माल्या और नीरव मोदी अगर पैसे देने को तैयार तो मामला रफा-दफा करने का विचार क्यों नहीं : सुप्रीम कोर्ट
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    माल्या और नीरव मोदी अगर पैसे देने को तैयार तो मामला रफा-दफा करने का विचार क्यों नहीं : सुप्रीम कोर्ट

    Devanand SinghBy Devanand SinghFebruary 2, 2022No Comments3 Mins Read
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    नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि अगर विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े कारोबारी पैसे लौटाने को तैयार हैं तो क्यों ना उन्हें भारत वापस लाया जाए और उनके खिलाफ जारी सभी क्रिमिनल मामले वापस लेने पर विचार किए जाएं. इन जैसे दर्जनों भगोड़े कारोबारियों को स्वदेश वापस लाने के लिए सीबीआई और एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट जैसी एजेंसियां सालों से मेहनत कर रही हैं. इन लोगों ने बैंक को हजारों करोड़ का चूना लगाया है और अब फरार हो गए हैं. जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंद्रेश ने मंगलवार को कहा कि ये जांच एजेंसियां भगोड़े कारोबारियों को वापस लाने के लिए सालों से कोशिश कर रही हैं. इसके बावजूद इनके वापस लौटने की 100 फीसदी संभावना नहीं है. ऐसे में अगर ये कारोबारी बैंकों के पैसे वापस करने को तैयार हैं तो क्यों ना पैसे वापस लेकर उनके खिलाफ जारी तमाम मामलों को वापस ले लिया जाए.

    सुप्रीम कोर्ट स्टर्लिंग ग्रुप के हेमंत हाथी के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहा था. उनके खिलाफ 14500 करोड़ के धोखाधड़ी का आरोप है. इस मामले में सभी आरोपी भारत से फरार होकर विदेश में रह रहे हैं. इनके अलावा विजय माल्य और नीरव मोदी जैसे दर्जनों व्यापारी हैं जो इस समय दूसरे देशों में निवास लिए हुए हैं.

    पैसे लौटाने को तैयार लेकिन चाहिए वादा

    हेमंत हाथी ने अपने वकील के जरिए कहा कि वह पैसे वापस लौटाने को तैयार है. हालांकि, उसे इस बात का भरोसा चाहिए कि भारत लौटने पर उसके खिलाफ सारे मामले वापस ले लिए जाएंगे और उसे परेशान नहीं किया जाएगा.

    बैंकों का कुल 900 करोड़ बकाया है

    हाथी ने कहा कि उसपर बैंकों का करीब 1500 करोड़ बकाया है. इसमें 600 करोड़ लौटाए जा चुके हैं. ऐसे में वह बैंकौं को 900 करोड़ और लौटाने को तैयार है. सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने भी इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है.

    सालों से मेहनत लेकिन सफलता नहीं

    कोर्ट ने कहा कि आप दर्जनों भगोड़े कारोबारियों का पीछा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है. ऐसे में अगर इन लोगों के खिलाफ कुछ क्रिमिनल मामले वापस ले लिए जाएं और बदले में रिफंड को स्वीकार करने में क्या समस्या है. कोर्ट के बयान पर सीबीआई की तरफ से उपस्थित एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि अगर ये बिजनेसमैन वापस आने को तैयार हैं तो जांज एजेंसी को इसमें किसी तरह की परेशानी नहीं है.

    3 मोर्च पर राहत देने पर हो विचार

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन भगोड़े कारोबारियों को तीन मोर्चे पर राहत का विचार करना चाहिए. इनके खिलाफ जारी क्रिमिनल मामल वापस ले लिए जाएं, उन्हें भारत में आजादी के साथ घूमने की इजाजत मिलनी चाहिए जिससे वे देश के किसी भी कोने में नए सिरे से कारोबार कर सकें. इसके अलावा उनके खिलाफ किसी तरह की जबरदस्ती नहीं की जाए. हालांकि ये नियम तभी लागू होंगे जब वे बैंकों के पैसे देने के लिए तैयार होंगे.

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